Yeh Alam Yeh Mausam Songtext
von Poornima
Yeh Alam Yeh Mausam Songtext
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेख़ुदी
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेख़ुदी
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
बेक़रारी में क्यूँ जलाते हो?
क्यूँ निगाहों से दूर जाते हो?
ज़ालिमा तुमसे मैं प्यार करती हूँ
दिल दीवाना है, इक़रार करती हूँ
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेख़ुदी
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
जब घटाओं से पानी बरसता है
आग लगती है, क्यूँ दिल तरसता है
जब घटाओं से पानी बरसता है
आग लगती है, क्यूँ दिल तरसता है
अंग-अंग भीगा, फिर भी जल रही हूँ
जाने क्या हुआ है, मैं मचल रही हूँ
जाने क्या हुआ है, मैं मचल रही हूँ
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेख़ुदी
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेख़ुदी
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
रात ढलती है, ना दिन गुज़रता है
हर घड़ी अब दिल बस आह भरता है
हाँ, रात ढलती है, ना दिन गुज़रता है
हर घड़ी अब दिल बस आह भरता है
दर्द मेरा ले लो या मुझे दवा दो
क्या जतन करूँ मैं? तुम मुझे बता दो
क्या जतन करूँ मैं? तुम मुझे बता दो
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेख़ुदी
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
बेक़रारी में क्यूँ जलाते हो?
क्यूँ निगाहों से दूर जाते हो?
ज़ालिमा तुमसे मैं प्यार करती हूँ
दिल दीवाना है, हाँ, इक़रार करती हूँ
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेख़ुदी
हाँ-हाँ, तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेखुदी
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेख़ुदी
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
बेक़रारी में क्यूँ जलाते हो?
क्यूँ निगाहों से दूर जाते हो?
ज़ालिमा तुमसे मैं प्यार करती हूँ
दिल दीवाना है, इक़रार करती हूँ
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेख़ुदी
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
जब घटाओं से पानी बरसता है
आग लगती है, क्यूँ दिल तरसता है
जब घटाओं से पानी बरसता है
आग लगती है, क्यूँ दिल तरसता है
अंग-अंग भीगा, फिर भी जल रही हूँ
जाने क्या हुआ है, मैं मचल रही हूँ
जाने क्या हुआ है, मैं मचल रही हूँ
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेख़ुदी
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेख़ुदी
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
रात ढलती है, ना दिन गुज़रता है
हर घड़ी अब दिल बस आह भरता है
हाँ, रात ढलती है, ना दिन गुज़रता है
हर घड़ी अब दिल बस आह भरता है
दर्द मेरा ले लो या मुझे दवा दो
क्या जतन करूँ मैं? तुम मुझे बता दो
क्या जतन करूँ मैं? तुम मुझे बता दो
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेख़ुदी
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
बेक़रारी में क्यूँ जलाते हो?
क्यूँ निगाहों से दूर जाते हो?
ज़ालिमा तुमसे मैं प्यार करती हूँ
दिल दीवाना है, हाँ, इक़रार करती हूँ
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेख़ुदी
हाँ-हाँ, तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
ये आलम, ये मौसम, छाई है बेखुदी
तनहाई, अंगड़ाई पागल बना गई
Writer(s): Sameer Anjaan, Anand Chitragupta Shrivastava, Milind Chitragupta Shrivastava Lyrics powered by www.musixmatch.com