Mehandi Mehandi Songtext
von Jaspinder Narula
Mehandi Mehandi Songtext
बंद मुट्ठी में दिल को छुपाए बैठे हैं
है बहाना कि मेहँदी लगाए बैठे हैं
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
ये तो मेहँदी है...
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
लोग बाग़ों से इसे तोड़ के ले आते हैं
और पत्थर पे इसे शौक़ से पिसवाते हैं
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
लोग बाग़ों से इसे तोड़ के ले आते हैं
और पत्थर पे इसे शौक़ से पिसवाते हैं
और पत्थर पे इसे शौक़ से पिसवाते हैं
फिर भी होंठों से...
फिर भी होंठों से इसके "उफ़" तलक ना आती है
फिर भी होंठों से इसके "उफ़" तलक ना आती है
फिर भी होंठों से इसके "उफ़" तलक ना आती है
फिर भी होंठों से इसके "उफ़" तलक ना आती है
ये तो मेहँदी है...
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
अपने रस-रंग से इस दुनिया को सजाना है
काम मेहँदी का तो ग़ैरों के काम आना है
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
अपने रस-रंग से इस दुनिया को सजाना है
काम मेहँदी का तो ग़ैरों के काम आना है
काम मेहँदी का तो ग़ैरों के काम आना है
अपनी ख़ुशबू से...
अपनी ख़ुशबू से ये सहराओं को महकाती है
अपनी ख़ुशबू से ये सहराओं को महकाती है
अपनी ख़ुशबू से ये सहराओं को महकाती है
अपनी ख़ुशबू से ये सहराओं को महकाती है
ये तो मेहँदी है...
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
हाँ, बंद मुट्ठी में दिल को (मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
छुपाए बैठे हैं (मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
है बहाना कि मेहँदी लगाए बैठे हैं (मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
है बहाना कि मेहँदी लगाए बैठे हैं
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
ये तो मेहँदी है...
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
लोग बाग़ों से इसे तोड़ के ले आते हैं
और पत्थर पे इसे शौक़ से पिसवाते हैं
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
लोग बाग़ों से इसे तोड़ के ले आते हैं
और पत्थर पे इसे शौक़ से पिसवाते हैं
और पत्थर पे इसे शौक़ से पिसवाते हैं
फिर भी होंठों से...
फिर भी होंठों से इसके "उफ़" तलक ना आती है
फिर भी होंठों से इसके "उफ़" तलक ना आती है
फिर भी होंठों से इसके "उफ़" तलक ना आती है
फिर भी होंठों से इसके "उफ़" तलक ना आती है
ये तो मेहँदी है...
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
अपने रस-रंग से इस दुनिया को सजाना है
काम मेहँदी का तो ग़ैरों के काम आना है
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
अपने रस-रंग से इस दुनिया को सजाना है
काम मेहँदी का तो ग़ैरों के काम आना है
काम मेहँदी का तो ग़ैरों के काम आना है
अपनी ख़ुशबू से...
अपनी ख़ुशबू से ये सहराओं को महकाती है
अपनी ख़ुशबू से ये सहराओं को महकाती है
अपनी ख़ुशबू से ये सहराओं को महकाती है
अपनी ख़ुशबू से ये सहराओं को महकाती है
ये तो मेहँदी है...
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
हाँ, बंद मुट्ठी में दिल को (मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
छुपाए बैठे हैं (मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
है बहाना कि मेहँदी लगाए बैठे हैं (मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी, मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
(मेहँदी, हाँ-हाँ, मेहँदी)
Writer(s): Muhammad Irfan Lyrics powered by www.musixmatch.com