Shamshera - Title Track Songtext
von Mithoon
Shamshera - Title Track Songtext
साँसों में तूफ़ानों का डेरा
निगाहें जैसे चील का पहरा
कोई रोक ना पाएगा इसे
जब उठे ये बन के सवेरा
साँसों में तूफ़ानों का डेरा
निगाहें जैसे चील का पहरा
कोई रोक ना पाए ना इसे
जब उठे ये बन के सवेरा
ख़ंजर है पीठ में गहरा, घना चाहे अँधेरा
फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो, कहलाए वो Shamshera
ख़ंजर है पीठ में गहरा, घना चाहे अँधेरा
फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो, कहलाए वो Shamshera (Shamshera)
इससे जो टकराने की कोशिश करे, मिट्टी में मिल जावे
जो क़ैद करने की साज़िश करे, उनको ये समझावे
क़ुदरत भी इससे घबराए, जब ये हथियार उठाए
कोई रोकने की ज़ुर्रत करे ना, जब ये क़दमों को बढ़ाए
ख़ून में बादशाहत (hey!)
जीतने की है आदत (hey-hey!)
नस में लोहा बहे है (hey!)
तय है मिटना तेरा (hey-hey!)
आ गईं, आ गईं है (hey!)
दुश्मनों की ये शामत (hey-hey!)
ढूँढ लेगा उनका निशान
चाहे पी ले उनको सेहरा
ख़ंजर है पीठ में गहरा (Shamshera)
घना चाहे अँधेरा (Shamshera)
फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो (Shamshera)
कहलाए वो Shamshera (Shamshera)
ख़ंजर है पीठ में गहरा (ख़ंजर है पीठ में गहरा)
घना चाहे अँधेरा (घना चाहे अँधेरा)
फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो (फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो)
कहलाए वो Shamshera (कहलाए वो Shamshera)
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
निगाहें जैसे चील का पहरा
कोई रोक ना पाएगा इसे
जब उठे ये बन के सवेरा
साँसों में तूफ़ानों का डेरा
निगाहें जैसे चील का पहरा
कोई रोक ना पाए ना इसे
जब उठे ये बन के सवेरा
ख़ंजर है पीठ में गहरा, घना चाहे अँधेरा
फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो, कहलाए वो Shamshera
ख़ंजर है पीठ में गहरा, घना चाहे अँधेरा
फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो, कहलाए वो Shamshera (Shamshera)
इससे जो टकराने की कोशिश करे, मिट्टी में मिल जावे
जो क़ैद करने की साज़िश करे, उनको ये समझावे
क़ुदरत भी इससे घबराए, जब ये हथियार उठाए
कोई रोकने की ज़ुर्रत करे ना, जब ये क़दमों को बढ़ाए
ख़ून में बादशाहत (hey!)
जीतने की है आदत (hey-hey!)
नस में लोहा बहे है (hey!)
तय है मिटना तेरा (hey-hey!)
आ गईं, आ गईं है (hey!)
दुश्मनों की ये शामत (hey-hey!)
ढूँढ लेगा उनका निशान
चाहे पी ले उनको सेहरा
ख़ंजर है पीठ में गहरा (Shamshera)
घना चाहे अँधेरा (Shamshera)
फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो (Shamshera)
कहलाए वो Shamshera (Shamshera)
ख़ंजर है पीठ में गहरा (ख़ंजर है पीठ में गहरा)
घना चाहे अँधेरा (घना चाहे अँधेरा)
फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो (फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो)
कहलाए वो Shamshera (कहलाए वो Shamshera)
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
Shamshera, Shamshera
Writer(s): Chaitanya Prasad, Mithun Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com