Jab Din Haseen Dil Ho Jawan Songtext
von Madan Mohan
Jab Din Haseen Dil Ho Jawan Songtext
जब दिन हसीं, दिल हो जवाँ, क्यूँ ना मनाएँ picnic?
जब दिन हसीं, दिल हो जवाँ, क्यूँ ना मनाएँ picnic?
(जब दिन हसीं, दिल हो जवाँ, क्यूँ ना मनाएँ picnic?)
सीने में आग, होंठों पे राग, मिलजुल के गाएँ picnic
(सीने में आग, होंठों पे राग, मिलजुल के गाएँ picnic)
ओ, cycle सवार, बाँधे क़तार
लो हम चले (लो हम चले)
Aye, जंगल के पार, हिरनों की डार
जैसे चले (लो हम चले)
Hip-hip hurray!
मौसम पे रंग, दिल में उमंग, फिर क्यूँ ना जाएँ picnic?
(जब दिन हसीं, दिल हो जवाँ, क्यूँ ना मनाएँ picnic?)
(सीने में आग, होंठों पे राग, मिलजुल के गाएँ picnic)
ओ, पानी का शोर, लहरों का ज़ोर
आ, तोड़ दें (आ, तोड़ दें)
Hey, तूफ़ाँ में नाव, मिलजुल के आओ
सब छोड़ दें (सब छोड़ दें)
Hip-hip hurray!
साहिल से दूर जा के, हुज़ूर, ऐसी जमाएँ picnic
(जब दिन हसीं, दिल हो जवाँ, क्यूँ ना मनाएँ picnic?) हाय
(सीने में आग, होंठों पे राग, मिलजुल के गाएँ picnic)
ओ, ये दिन अजीब, हम-तुम क़रीब
हाय, फिर कहाँ? (हाय, फिर कहाँ?)
ओ, मस्ती के खेल, आपस का मेल
हाय, फिर कहाँ? (हाय, फिर कहाँ?)
Hip-hip hurray!
ज़ुल्फ़ों के डाल, उड़ते रुमाल, रंगीं बनाएँ picnic
(जब दिन हसीं, दिल हो जवाँ, क्यूँ ना मनाएँ picnic?)
(सीने में आग, होंठों पे राग, मिलजुल के गाएँ picnic)
जब दिन हसीं, दिल हो जवाँ, क्यूँ ना मनाएँ picnic?
(जब दिन हसीं, दिल हो जवाँ, क्यूँ ना मनाएँ picnic?)
सीने में आग, होंठों पे राग, मिलजुल के गाएँ picnic
(सीने में आग, होंठों पे राग, मिलजुल के गाएँ picnic)
ओ, cycle सवार, बाँधे क़तार
लो हम चले (लो हम चले)
Aye, जंगल के पार, हिरनों की डार
जैसे चले (लो हम चले)
Hip-hip hurray!
मौसम पे रंग, दिल में उमंग, फिर क्यूँ ना जाएँ picnic?
(जब दिन हसीं, दिल हो जवाँ, क्यूँ ना मनाएँ picnic?)
(सीने में आग, होंठों पे राग, मिलजुल के गाएँ picnic)
ओ, पानी का शोर, लहरों का ज़ोर
आ, तोड़ दें (आ, तोड़ दें)
Hey, तूफ़ाँ में नाव, मिलजुल के आओ
सब छोड़ दें (सब छोड़ दें)
Hip-hip hurray!
साहिल से दूर जा के, हुज़ूर, ऐसी जमाएँ picnic
(जब दिन हसीं, दिल हो जवाँ, क्यूँ ना मनाएँ picnic?) हाय
(सीने में आग, होंठों पे राग, मिलजुल के गाएँ picnic)
ओ, ये दिन अजीब, हम-तुम क़रीब
हाय, फिर कहाँ? (हाय, फिर कहाँ?)
ओ, मस्ती के खेल, आपस का मेल
हाय, फिर कहाँ? (हाय, फिर कहाँ?)
Hip-hip hurray!
ज़ुल्फ़ों के डाल, उड़ते रुमाल, रंगीं बनाएँ picnic
(जब दिन हसीं, दिल हो जवाँ, क्यूँ ना मनाएँ picnic?)
(सीने में आग, होंठों पे राग, मिलजुल के गाएँ picnic)
Writer(s): Rajinder Krishan, Madan Mohan Lyrics powered by www.musixmatch.com