Na Duniya Mangi Hai Songtext
von Harshit Saxena
Na Duniya Mangi Hai Songtext
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
दिल ने तुझे पाने की बस मन्नत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
बरसों से जिसे मैंने पलकों में बसाया था
चुप-चाप जिसे मैंने धड़कन में छुपाया था
बरसों से जिसे मैंने पलकों में बसाया था
चुप-चाप जिसे मैंने धड़कन में छुपाया था
जो ख़्वाब सुनहरा था वो तेरा चेहरा था
जो ख़्वाब सुनहरा था वो तेरा चेहरा था
जुड़ जाए जो तुझ से वो क़िस्मत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
सूनेपन में अक्सर तेरी आहट सुनता हूँ
गुमसुम तनहाई में तेरे ख़्वाब मैं बुनता हूँ
सूनेपन में अक्सर तेरी आहट सुनता हूँ
गुमसुम तनहाई में तेरे ख़्वाब मैं बुनता हूँ
अब तुझको पाना है, कहीं दूर ना जाना है
अब तुझको पाना है, कहीं दूर ना जाना है
जो संग तेरे गुज़रे वो फ़ुरसत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
दिल ने तुझे पाने की बस मन्नत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
बरसों से जिसे मैंने पलकों में बसाया था
चुप-चाप जिसे मैंने धड़कन में छुपाया था
बरसों से जिसे मैंने पलकों में बसाया था
चुप-चाप जिसे मैंने धड़कन में छुपाया था
जो ख़्वाब सुनहरा था वो तेरा चेहरा था
जो ख़्वाब सुनहरा था वो तेरा चेहरा था
जुड़ जाए जो तुझ से वो क़िस्मत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
सूनेपन में अक्सर तेरी आहट सुनता हूँ
गुमसुम तनहाई में तेरे ख़्वाब मैं बुनता हूँ
सूनेपन में अक्सर तेरी आहट सुनता हूँ
गुमसुम तनहाई में तेरे ख़्वाब मैं बुनता हूँ
अब तुझको पाना है, कहीं दूर ना जाना है
अब तुझको पाना है, कहीं दूर ना जाना है
जो संग तेरे गुज़रे वो फ़ुरसत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
ना दुनियाँ माँगी है, ना जन्नत माँगी है
Writer(s): Sameer Anjaan, Harshit Saxena Lyrics powered by www.musixmatch.com