Mazaa Songtext
von B Praak
Mazaa Songtext
मैं ग़ैरों की बाँहों में देखा है सो के
सच बताएँ, मज़ा आ गया
तू तू है मेरी जाँ, कोई तुझ सा कहीं ना
ली उनकी जो ख़ुशबू, समझ आ गया
मैं ग़ैरों की बाँहों में देखा है सो के
सच बताएँ, मज़ा आ गया
तू तू है मेरी जाँ, कोई तुझ सा कहीं ना
ली उनकी जो ख़ुशबू, समझ आ गया
भटक गए थे हम एक शाम को
किया है ख़राब, ख़राब तेरे नाम को
क्यूँ दिल तेरा तोड़ा, ये पूछने कल तो
सपने में मेरे खुदा आ गया
मैं ग़ैरों की बाँहों में देखा है सो के
सच बताएँ, मज़ा आ गया
तू तू है मेरी जाँ, कोई तुझ सा कहीं ना
ली उनकी जो ख़ुशबू, समझ आ गया
दरिया, ये दरिया दरिया ना होता
ना होता जो इसका किनारा
अक्ल ठिकाने आई हमारी
तुम से बिछड़ कर, ओ, यारा
दरिया, ये दरिया दरिया ना होता
ना होता जो इसका किनारा
अक्ल ठिकाने आई हमारी
तुम से बिछड़ कर, ओ, यारा
रात को निकला था तेरी गली से
ठोकर मैं खा के सुबह आ गया
मैं ग़ैरों की बाँहों में देखा है सो के
सच बताएँ, मज़ा आ गया
तू तू है मेरी जाँ, कोई तुझ सा कहीं ना
ली उनकी जो ख़ुशबू, समझ आ गया
ये आख़िरी ग़लती थी
आख़िरी मौक़ा दे-दे-दे ना मुझ को तू, साक़ी
अब तेरे पैरों में काटेंगे, यारा
जितनी भी ज़िंदगी है बाक़ी
ये आख़िरी ग़लती थी
आख़िरी मौक़ा दे-दे-दे ना मुझ को तू, साक़ी
अब तेरे पैरों में काटेंगे, यारा
जितनी भी ज़िंदगी है बाक़ी
हो, Jaani के अंदर जो Jaani आवारा था
Jaani वो ख़ुद ही जला आ गया
मैं ग़ैरों की बाँहों में देखा है सो के
सच बताएँ, मज़ा आ गया
तू तू है मेरी जाँ, कोई तुझ सा कहीं ना
ली उनकी जो ख़ुशबू, समझ आ गया
सच बताएँ, मज़ा आ गया
तू तू है मेरी जाँ, कोई तुझ सा कहीं ना
ली उनकी जो ख़ुशबू, समझ आ गया
मैं ग़ैरों की बाँहों में देखा है सो के
सच बताएँ, मज़ा आ गया
तू तू है मेरी जाँ, कोई तुझ सा कहीं ना
ली उनकी जो ख़ुशबू, समझ आ गया
भटक गए थे हम एक शाम को
किया है ख़राब, ख़राब तेरे नाम को
क्यूँ दिल तेरा तोड़ा, ये पूछने कल तो
सपने में मेरे खुदा आ गया
मैं ग़ैरों की बाँहों में देखा है सो के
सच बताएँ, मज़ा आ गया
तू तू है मेरी जाँ, कोई तुझ सा कहीं ना
ली उनकी जो ख़ुशबू, समझ आ गया
दरिया, ये दरिया दरिया ना होता
ना होता जो इसका किनारा
अक्ल ठिकाने आई हमारी
तुम से बिछड़ कर, ओ, यारा
दरिया, ये दरिया दरिया ना होता
ना होता जो इसका किनारा
अक्ल ठिकाने आई हमारी
तुम से बिछड़ कर, ओ, यारा
रात को निकला था तेरी गली से
ठोकर मैं खा के सुबह आ गया
मैं ग़ैरों की बाँहों में देखा है सो के
सच बताएँ, मज़ा आ गया
तू तू है मेरी जाँ, कोई तुझ सा कहीं ना
ली उनकी जो ख़ुशबू, समझ आ गया
ये आख़िरी ग़लती थी
आख़िरी मौक़ा दे-दे-दे ना मुझ को तू, साक़ी
अब तेरे पैरों में काटेंगे, यारा
जितनी भी ज़िंदगी है बाक़ी
ये आख़िरी ग़लती थी
आख़िरी मौक़ा दे-दे-दे ना मुझ को तू, साक़ी
अब तेरे पैरों में काटेंगे, यारा
जितनी भी ज़िंदगी है बाक़ी
हो, Jaani के अंदर जो Jaani आवारा था
Jaani वो ख़ुद ही जला आ गया
मैं ग़ैरों की बाँहों में देखा है सो के
सच बताएँ, मज़ा आ गया
तू तू है मेरी जाँ, कोई तुझ सा कहीं ना
ली उनकी जो ख़ुशबू, समझ आ गया
Writer(s): Jaani, Bachan Prateek Lyrics powered by www.musixmatch.com