Roz Roz Aankhon Tale Songtext
von Asha Bhosle & Amit Kumar
Roz Roz Aankhon Tale Songtext
रोज़ रोज़ आँखों तले
रोज़ रोज़ आँखों तले
रोज़ रोज़ आँखों तले
एक ही सपना चले
रात भर काजल जले
आँख में जिस तरह
ख़्वाब का दिया जले
हो रोज़ रोज़ आँखों तले
एक ही सपना चले
रात भर काजल जले
आँख में जिस तरह
ख़्वाब का दिया जले
हो रोज़ रोज़ आँखों तले
जबसे तुम्हारी नाम की मिसरी
होंठ लगायी है
मीठा सा ग़म है
और मीठी सी तन्हाई है
जबसे तुम्हारी नाम की मिसरी
होंठ लगायी है
मीठा सा ग़म है
और मीठी सी तन्हाई है
रोज़ रोज़ आँखों तले
एक ही सपना चले
रात भर काजल जले
आँख में जिस तरह
ख़्वाब का दिया जले
हो रोज़ रोज़ आँखों तले
छोटी सी दिल की उलझन है
ये सुलझा दो तुम
जीना तो सीखा है मरके
मरना सिखा दो तुम
छोटी सी दिल की उलझन है
ये सुलझा दो तुम
जीना तो सीखा है मरके
मरना सिखा दो तुम
रोज़ रोज़ आँखों तले
रोज़ रोज़ आँखों तले
हो रोज़ रोज़ आँखों तले
एक ही सपना चले
रात भर काजल जले
आँख में जिस तरह
ख़्वाब का दिया जले
हो रोज़ रोज़ आँखों तले
आँखों पर कुछ ऐसे तुमने
ज़ुल्फ़ गिरा दी है
बेचारे से कुछ ख़्वाबोन की
नींद उड़ा दी है
हो आँखों पर कुछ ऐसे तुमने
ज़ुल्फ़ गिरा दी है
बेचारे से कुछ ख़्वाबोन की
नींद उड़ा दी है
रोज़ रोज़ आँखों तले
एक ही सपना चले
रात भर काजल जले
आँख में जिस तरह
ख़्वाब का दिया जले
हो रोज़ रोज़ आँखों तले
एक ही सपना चले
रात भर काजल जले
आँख में जिस तरह
ख़्वाब का दिया जले
रोज़ रोज़ आँखों तले
रोज़ रोज़ आँखों तले
एक ही सपना चले
रात भर काजल जले
आँख में जिस तरह
ख़्वाब का दिया जले
हो रोज़ रोज़ आँखों तले
एक ही सपना चले
रात भर काजल जले
आँख में जिस तरह
ख़्वाब का दिया जले
हो रोज़ रोज़ आँखों तले
जबसे तुम्हारी नाम की मिसरी
होंठ लगायी है
मीठा सा ग़म है
और मीठी सी तन्हाई है
जबसे तुम्हारी नाम की मिसरी
होंठ लगायी है
मीठा सा ग़म है
और मीठी सी तन्हाई है
रोज़ रोज़ आँखों तले
एक ही सपना चले
रात भर काजल जले
आँख में जिस तरह
ख़्वाब का दिया जले
हो रोज़ रोज़ आँखों तले
छोटी सी दिल की उलझन है
ये सुलझा दो तुम
जीना तो सीखा है मरके
मरना सिखा दो तुम
छोटी सी दिल की उलझन है
ये सुलझा दो तुम
जीना तो सीखा है मरके
मरना सिखा दो तुम
रोज़ रोज़ आँखों तले
रोज़ रोज़ आँखों तले
हो रोज़ रोज़ आँखों तले
एक ही सपना चले
रात भर काजल जले
आँख में जिस तरह
ख़्वाब का दिया जले
हो रोज़ रोज़ आँखों तले
आँखों पर कुछ ऐसे तुमने
ज़ुल्फ़ गिरा दी है
बेचारे से कुछ ख़्वाबोन की
नींद उड़ा दी है
हो आँखों पर कुछ ऐसे तुमने
ज़ुल्फ़ गिरा दी है
बेचारे से कुछ ख़्वाबोन की
नींद उड़ा दी है
रोज़ रोज़ आँखों तले
एक ही सपना चले
रात भर काजल जले
आँख में जिस तरह
ख़्वाब का दिया जले
हो रोज़ रोज़ आँखों तले
एक ही सपना चले
रात भर काजल जले
आँख में जिस तरह
ख़्वाब का दिया जले
Writer(s): Gulzar, Rahul Dev Burman Lyrics powered by www.musixmatch.com