Mujhko Watan Ki Songtext
von Altaf Raja
Mujhko Watan Ki Songtext
मुझको वतन की याद सताती है
मुझको वतन की याद सताती है
मुझको वतन की याद सताती है
मुझको वतन की याद सताती है
खूब रुलाती है
खूब रुलाती है और तड़पाती है
मुझको वतन की याद सताती है
मुझको वतन की याद सताती है
(मुझको वतन की याद सताती है)
(मुझको वतन की याद सताती है)
(खूब रुलाती है)
(खूब रुलाती है और तड़पाती है)
मुझको वतन की याद सताती है
मुझको वतन की याद सताती है
जब से हम परदेस में आए
भाई-बहन का प्यार सताए
याद आता है गाँव का मंज़र
रह जाता हूँ आँसू पीकर
तड़पाती है माँ की लोरी
बच्चों की वो मीठी बोली
माँ की ख़िदमत मैं करता था
बाप से मैं कितना डरता था
मेहनत करके मुझको पढ़ाया
भूखे रहकर मुझको खिलाया
आज मैं कितना दूर हूँ उनसे
कोई उनके दिल से पूछे
मेरी याद में रोते होंगे, हो
मेरी याद में रोते होंगे
मिलने के दिन गिनते होंगे
उनकी मोहब्बत...
उनकी मोहब्बत मुझे बुलाती है
मुझको वतन की याद सताती है
(मुझको वतन की याद सताती है)
(मुझको वतन की याद सताती है)
बीवी मुझको ख़त लिखती है
ख़त में हमेशा वो कहती है
सूना है ये मन का आँगन
जल्दी घर आ जाओ, साजन
तुम बिन नैना तरस गए हैं
कितने सावन बरस गए हैं
दरवाज़े, खिड़की, दहलीज़ें
रौनक से ख़ाली हैं चीज़ें
साथ में चाहे कुछ मत लाओ
लेकिन जल्दी घर आ जाओ
दिल में प्यार का दीप जलाए
बैठी हूँ मैं आस लगाए
रो देता हूँ मैं ख़त पढ़ के, हो
रो देता हूँ मैं ख़त पढ़ के
टुकड़े हो जाते हैं दिल के
तनहाई अब...
तनहाई अब खून रुलाती है
मुझको वतन की याद सताती है
खूब रुलाती है
खूब रुलाती है और तड़पाती है
(मुझको वतन की याद सताती है)
(मुझको वतन की याद सताती है)
(मुझको वतन की याद सताती है)
(मुझको वतन की याद सताती है)
मुझको वतन की याद सताती है
मुझको वतन की याद सताती है
मुझको वतन की याद सताती है
खूब रुलाती है
खूब रुलाती है और तड़पाती है
मुझको वतन की याद सताती है
मुझको वतन की याद सताती है
(मुझको वतन की याद सताती है)
(मुझको वतन की याद सताती है)
(खूब रुलाती है)
(खूब रुलाती है और तड़पाती है)
मुझको वतन की याद सताती है
मुझको वतन की याद सताती है
जब से हम परदेस में आए
भाई-बहन का प्यार सताए
याद आता है गाँव का मंज़र
रह जाता हूँ आँसू पीकर
तड़पाती है माँ की लोरी
बच्चों की वो मीठी बोली
माँ की ख़िदमत मैं करता था
बाप से मैं कितना डरता था
मेहनत करके मुझको पढ़ाया
भूखे रहकर मुझको खिलाया
आज मैं कितना दूर हूँ उनसे
कोई उनके दिल से पूछे
मेरी याद में रोते होंगे, हो
मेरी याद में रोते होंगे
मिलने के दिन गिनते होंगे
उनकी मोहब्बत...
उनकी मोहब्बत मुझे बुलाती है
मुझको वतन की याद सताती है
(मुझको वतन की याद सताती है)
(मुझको वतन की याद सताती है)
बीवी मुझको ख़त लिखती है
ख़त में हमेशा वो कहती है
सूना है ये मन का आँगन
जल्दी घर आ जाओ, साजन
तुम बिन नैना तरस गए हैं
कितने सावन बरस गए हैं
दरवाज़े, खिड़की, दहलीज़ें
रौनक से ख़ाली हैं चीज़ें
साथ में चाहे कुछ मत लाओ
लेकिन जल्दी घर आ जाओ
दिल में प्यार का दीप जलाए
बैठी हूँ मैं आस लगाए
रो देता हूँ मैं ख़त पढ़ के, हो
रो देता हूँ मैं ख़त पढ़ के
टुकड़े हो जाते हैं दिल के
तनहाई अब...
तनहाई अब खून रुलाती है
मुझको वतन की याद सताती है
खूब रुलाती है
खूब रुलाती है और तड़पाती है
(मुझको वतन की याद सताती है)
(मुझको वतन की याद सताती है)
(मुझको वतन की याद सताती है)
(मुझको वतन की याद सताती है)
Writer(s): Vaishnav Deva, Altaf Raja, Zaheer Alam Lyrics powered by www.musixmatch.com