Gazab Ka Hai Din Songtext
von Alka Yagnik & Udit Narayan
Gazab Ka Hai Din Songtext
ग़ज़ब का है दिन, सोचो ज़रा
ये दीवानापन देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम भी अकेले
मज़ा आ रहा है, क़सम से, क़सम से
ग़ज़ब का है दिन, सोचो ज़रा
ये दीवानापन देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम भी अकेले
मज़ा आ रहा है, क़सम से, क़सम से
देख लो हम को क़रीब से
आज हम मिले हैं नसीब से
हो, देख लो हम को क़रीब से
आज हम मिले हैं नसीब से
ये पल फिर कहाँ?
और ये मंज़िल फिर कहाँ?
हो, ग़ज़ब का है दिन, सोचो ज़रा
ये दीवानापन देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम भी अकेले
मज़ा आ रहा है, क़सम से, क़सम से
क्या कहूँ, मेरा जो हाल है
रात-दिन तुम्हारा ख़याल है
हो, क्या कहूँ, मेरा जो हाल है
रात-दिन तुम्हारा ख़याल है
फिर भी, जान-ए-जाँ
मैं कहाँ और तुम कहाँ
हो, ग़ज़ब का है दिन, सोचो ज़रा
ये दीवानापन देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम भी अकेले
मज़ा आ रहा है, क़सम से, क़सम से
ये दीवानापन देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम भी अकेले
मज़ा आ रहा है, क़सम से, क़सम से
ग़ज़ब का है दिन, सोचो ज़रा
ये दीवानापन देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम भी अकेले
मज़ा आ रहा है, क़सम से, क़सम से
देख लो हम को क़रीब से
आज हम मिले हैं नसीब से
हो, देख लो हम को क़रीब से
आज हम मिले हैं नसीब से
ये पल फिर कहाँ?
और ये मंज़िल फिर कहाँ?
हो, ग़ज़ब का है दिन, सोचो ज़रा
ये दीवानापन देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम भी अकेले
मज़ा आ रहा है, क़सम से, क़सम से
क्या कहूँ, मेरा जो हाल है
रात-दिन तुम्हारा ख़याल है
हो, क्या कहूँ, मेरा जो हाल है
रात-दिन तुम्हारा ख़याल है
फिर भी, जान-ए-जाँ
मैं कहाँ और तुम कहाँ
हो, ग़ज़ब का है दिन, सोचो ज़रा
ये दीवानापन देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम भी अकेले
मज़ा आ रहा है, क़सम से, क़सम से
Writer(s): Majrooh Sultanpuri Lyrics powered by www.musixmatch.com