Pal Behta Jaaye 2.0 Songtext
von Vismay Patel
Pal Behta Jaaye 2.0 Songtext
आगे-आगे चलूँ मैं, पीछे मेरी ज़िंदगी
थोड़ा सा जी लूँ आज मर्ज़ी है मेरी
कच्चे-कच्चे रस्तों पे ज़िंदगी है टेढ़ी सी
रोशन है रात और सुबह मेरी अँधेरी सी
बीते लम्हों को भुला के
पल थोड़े से चुरा के
बीते लम्हों को भुला के
पल थोड़े से चुरा के
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
शामें हैं काली सी, कोई सियाही
लिख दो इससे तुम्हारी कहानी
तुम हो मुसाफ़िर और ज़िंदगी सफ़र
टुकड़ों में जैसे कहानी है बँटी
शामें हैं काली सी, कोई सियाही
लिख दो इससे तुम्हारी कहानी
तुम हो मुसाफ़िर और ज़िंदगी सफ़र
टुकड़ों में जैसे कहानी है बँटी
लंबे-लंबे रास्तों पे ज़िंदगी है छोटी सी
इस पल को जी लो, जैसे पल है कोई आख़िरी
बीते लम्हों को भुला के
पल थोड़े से चुरा के
बीते लम्हों को भुला के
पल थोड़े से चुरा के
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
थोड़ा सा जी लूँ आज मर्ज़ी है मेरी
कच्चे-कच्चे रस्तों पे ज़िंदगी है टेढ़ी सी
रोशन है रात और सुबह मेरी अँधेरी सी
बीते लम्हों को भुला के
पल थोड़े से चुरा के
बीते लम्हों को भुला के
पल थोड़े से चुरा के
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
शामें हैं काली सी, कोई सियाही
लिख दो इससे तुम्हारी कहानी
तुम हो मुसाफ़िर और ज़िंदगी सफ़र
टुकड़ों में जैसे कहानी है बँटी
शामें हैं काली सी, कोई सियाही
लिख दो इससे तुम्हारी कहानी
तुम हो मुसाफ़िर और ज़िंदगी सफ़र
टुकड़ों में जैसे कहानी है बँटी
लंबे-लंबे रास्तों पे ज़िंदगी है छोटी सी
इस पल को जी लो, जैसे पल है कोई आख़िरी
बीते लम्हों को भुला के
पल थोड़े से चुरा के
बीते लम्हों को भुला के
पल थोड़े से चुरा के
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
पल धीरे-धीरे बहता जाए-जाए
Writer(s): Vismay Patel Lyrics powered by www.musixmatch.com