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Dil Se Dil Songtext
von Vishal Chandrasekhar

Dil Se Dil Songtext

दिल से दिल मिल गए हैं तो
चाहिए फिर इस दिल को क्या
जादू है मीठी बातों का
जिसने धड़कन को ही छू लिया

कवि की कल्पना या कोई आईना
या धुँधला सपना जिससे चेहरा मिल गया
या जैसे तितली लुटाए उड़े हो मस्तियाँ

वो ताज़गी है जिससे फूल भी जले
चमक से चाँद भी ढले
है सादगी जैसे लोरी हो कोई
वो जैसे चाँदनी खिले

बोले बाँसुरी सी, सबनम सिंदूरी सी
घुल जाए हवाओं में
हल्की बारीशों सी, गहरी ख्वाहिशों सी
इतराए अदाओं में


लहराए जो चुनर तो जैसे नदिया लगे
शर्मीली इस उमर पे छाए खुशियाँ लगी
भरे जो सूरमा शहीद करे सूरमा कई

वो ताज़गी है जिससे फूल भी जले
चमक से चाँद भी ढले
है सादगी जैसे लोरी हो कोई
वो जैसे चाँदनी खिले

योवन के झड़ी सी, मलमल के लड़ी सी
मूरत संग-ए-मरमरी
झरते मोतिययों, सी जड़ते आदतो सी
बिजली जैसी मनचली

युगों-युगों से सीता का मैं राम बनूँ
मेहंदी की नकासीयो में छुपा नाम बनूँ
मैं फिर से थाम लूँ, वो हाथ वही है दुआ यही

वो ताज़गी है जिससे फूल भी जले
चमक से चाँद भी ढले
है सादगी जैसे लोरी हो कोई
वो जैसे चाँदनी खिले

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