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Khushiyan Aur Gham Songtext
von Udit Narayan & Anuradha Paudwal

Khushiyan Aur Gham Songtext

ख़ुशियाँ और ग़म सहती है
फिर भी ये चुप रहती है
अब तक किसी ने ना जाना
ज़िंदगी क्या कहती है

ख़ुशियाँ और ग़म सहती है
फिर भी ये चुप रहती है
अब तक किसी ने ना जाना
ज़िंदगी क्या कहती है

अपनी कभी तो कभी अजनबी
आँसू कभी तो कभी है हँसी
दरिया कभी तो कभी तिश्नगी
लगती है ये तो

ख़ुशियाँ और ग़म सहती है
फिर भी ये चुप रहती है
अब तक किसी ने ना जाना
ज़िंदगी क्या कहती है


ख़ामोशियों की धीमी सदा है
ये ज़िंदगी तो रब की दुआ है
छू के किसी ने इसको देखा कभी ना
एहसास की है ख़ुशबू, महकी हवा है

ख़ुशियाँ और ग़म सहती है
फिर भी ये चुप रहती है
अब तक किसी ने ना जाना
ज़िंदगी क्या कहती है

मन से कहो तुम, मन की सुनो तुम
मन-मीत कोई मन का चुनो तुम
कुछ भी कहेगी दुनिया, दुनिया की छोड़ो
पलकों में सच के झिलमिल सपने बुनो तुम

ख़ुशियाँ और ग़म सहती है
फिर भी ये चुप रहती है
अब तक किसी ने ना जाना
ज़िंदगी क्या कहती है

अपनी कभी तो कभी अजनबी
आँसू कभी तो कभी है हँसी
दरिया कभी तो कभी तिश्नगी
लगती है ये तो


ख़ुशियाँ और ग़म सहती है (ख़ुशियाँ और ग़म सहती है)
फिर भी ये चुप रहती है (फिर भी ये चुप रहती है)
अब तक किसी ने ना जाना (अब तक किसी ने ना जाना)
ज़िंदगी क्या... (ज़िंदगी क्या कहती है)

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