Mere Yaar Songtext
von The Local Train
Mere Yaar Songtext
अब क्या कहें उनसे, जनाब
पिछले ग़ुरूर टूटे नहीं
थे हर घड़ी जो रू-ब-रू
अब एक शाम मुमकिन नहीं
है क़यामत ये मोहब्बत
हारे हैं हम, ना शिकवा कोई
ये दास्तान अब मुख़्तसर
क्यूँ है ख़फ़ा? सुन तो सही
सुनता है, मेरे यार
तू ही सही, तो मैं दिल-ए-गुलाम
सुनता है, मेरे यार
कि मंज़िलें मिलें अपना मकाम
थी हसरतें जिनसे हज़ार
रुख़सत हुए अक्सर वही
हर शिकायत अब बेअसर
क्यूँ है ख़फ़ा? सुन तो सही
सुनता है, मेरे यार
तू ही सही, तो मैं दिल-ए-गुलाम
सुनता है, मेरे यार
कि मंज़िलें मिलें अपना मकाम
थी हसरतें जिनसे हज़ार
रुख़सत हुए अक्सर वही
है दास्ताँ ये मुख़्तसर
क्यूँ है ख़फ़ा? सुन तो सही
सुनता है मेरे यार
तू ही सही, तो मैं दिल-ए-गुलाम
सुनता है, मेरे यार
कि मंज़िलें मिलें अपना मकाम
पिछले ग़ुरूर टूटे नहीं
थे हर घड़ी जो रू-ब-रू
अब एक शाम मुमकिन नहीं
है क़यामत ये मोहब्बत
हारे हैं हम, ना शिकवा कोई
ये दास्तान अब मुख़्तसर
क्यूँ है ख़फ़ा? सुन तो सही
सुनता है, मेरे यार
तू ही सही, तो मैं दिल-ए-गुलाम
सुनता है, मेरे यार
कि मंज़िलें मिलें अपना मकाम
थी हसरतें जिनसे हज़ार
रुख़सत हुए अक्सर वही
हर शिकायत अब बेअसर
क्यूँ है ख़फ़ा? सुन तो सही
सुनता है, मेरे यार
तू ही सही, तो मैं दिल-ए-गुलाम
सुनता है, मेरे यार
कि मंज़िलें मिलें अपना मकाम
थी हसरतें जिनसे हज़ार
रुख़सत हुए अक्सर वही
है दास्ताँ ये मुख़्तसर
क्यूँ है ख़फ़ा? सुन तो सही
सुनता है मेरे यार
तू ही सही, तो मैं दिल-ए-गुलाम
सुनता है, मेरे यार
कि मंज़िलें मिलें अपना मकाम
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