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Raat Suhag Ki Jaag Ke Das Gai Songtext
von Suman Kalyanpur

Raat Suhag Ki Jaag Ke Das Gai Songtext

रात सुहाग की जाग के ढल गई
आए ना चित-चोर

सेज की कलियाँ ताने मारे
"गोरी रे, अब तो हो गई भोर"
"गोरी रे, अब तो हो गई भोर"

मन को छेड़े प्यास निगोड़ी
मन को छेड़े प्यास निगोड़ी
कसक सही ना जाए

धीरज मन का बिख़र ना जाए
तोड़ के लाज की रेशम डोर
"गोरी रे, अब तो हो गई भोर"


हर आहट पे ढलके आँचल
हर आहट पे ढलके आँचल
ये बिंदिया अकुलाए

पर बुझ जाए धड़कन दिल की
देख के सूनी द्वार की ओर
"गोरी रे, अब तो हो गई भोर"

थक के सोए सपने कुँवारे
थक के सोए सपने कुँवारे
सोई अधूरी आस

सो ना सके दो बिरही नैना
सोने ना दे ये मन का शोर
"गोरी रे, अब तो हो गई भोर"

रात सुहाग की जाग के ढल गई
आए ना चित-चोर

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