Tore Bina Songtext
von Sukhwinder Singh
Tore Bina Songtext
हो, अब के बरस यूँ सावन बरसे, खारे-खारे मोती
तोरे दरस को नैना तरसे, खारे-खारे मोती
रूठूँगी पुरवा से, वो जब मुड़ के, उड़ के आवेगी
बोलूँगी सखी तोसे, तू जब उनको संग में लाएगी
काँधे पे रो के दूँगी मैं, बता
तोरे बिना सूखा-सूखा सावन, तोरे बिना ख़ाली-ख़ाली बतियाँ
तोरे बिना बैरी-बैरी सखियाँ, तोरे बिना
तोरे बिना सूखा-सूखा सावन, तोरे बिना ख़ाली-ख़ाली बतियाँ
तोरे बिना बैरी-बैरी सखियाँ, तोरे बिना, तोरे बिना, तोरे बिना (तोरे बिना)
की ना क़दर, फिर क्यूँ नज़र बैठी रहे बिरहा के मारे?
पूछे मगर भटकी डगर, रोए तू क्यूँ, बिरहा के मारे?
ओ, तेरी इक ना झलक, पिया, तारों तलक
बैठी चाँदनी भी खोल के किवाड़
ऐंठूँगी, सताऊँगी, सुनो, अबके घर जो आओगे
बाबुल मैं जाऊँगी, यूँ अब देर जो लगाओगे
तोसे ही तोरी शिकायतें करूँ
तोरे बिना सूखा-सूखा सावन, तोरे बिना ख़ाली-ख़ाली बतियाँ
तोरे बिना बैरी-बैरी सखियाँ, तोरे बिना
तोरे बिना सूखा-सूखा सावन, तोरे बिना ख़ाली-ख़ाली बतियाँ
तोरे बिना बैरी-बैरी सखियाँ, तोरे बिना, तोरे बिना, तोरे बिना
ओ, महके बदन, मेरे सजन, तेरी ही तो यादों के सहारे
सूखा गगन, बदरा नयन, बहते रहे कजरा के धारे
बैरी बलम, होगा कोई तो कलम, जिससे संदेशा तू भेजे हमार
मेरा बैरी बलम, होगा कोई तो कलम, जिससे संदेशा तू भेजे हमार
ऐंठूँगी, सताऊँगी, सुनो, अबके घर जो आओगे
बाबुल मैं जाऊँगी, यूँ अब देर जो लगाओगे
तोसे ही तोरी शिकायतें करूँ
तोरे बिना सूखा-सूखा सावन, तोरे बिना ख़ाली-ख़ाली बतियाँ
तोरे बिना बैरी-बैरी सखियाँ, तोरे बिना
तोरे बिना सूखा-सूखा सावन, तोरे बिना ख़ाली-ख़ाली बतियाँ
तोरे बिना बैरी-बैरी सखियाँ, तोरे बिना, तोरे बिना, तोरे बिना
तोरे बिना, तोरे बिना, तोरे बिना
तोरे, तोरे, तोरे, तोरे, तोरे...
तोरे, तोरे बिना
तोरे दरस को नैना तरसे, खारे-खारे मोती
रूठूँगी पुरवा से, वो जब मुड़ के, उड़ के आवेगी
बोलूँगी सखी तोसे, तू जब उनको संग में लाएगी
काँधे पे रो के दूँगी मैं, बता
तोरे बिना सूखा-सूखा सावन, तोरे बिना ख़ाली-ख़ाली बतियाँ
तोरे बिना बैरी-बैरी सखियाँ, तोरे बिना
तोरे बिना सूखा-सूखा सावन, तोरे बिना ख़ाली-ख़ाली बतियाँ
तोरे बिना बैरी-बैरी सखियाँ, तोरे बिना, तोरे बिना, तोरे बिना (तोरे बिना)
की ना क़दर, फिर क्यूँ नज़र बैठी रहे बिरहा के मारे?
पूछे मगर भटकी डगर, रोए तू क्यूँ, बिरहा के मारे?
ओ, तेरी इक ना झलक, पिया, तारों तलक
बैठी चाँदनी भी खोल के किवाड़
ऐंठूँगी, सताऊँगी, सुनो, अबके घर जो आओगे
बाबुल मैं जाऊँगी, यूँ अब देर जो लगाओगे
तोसे ही तोरी शिकायतें करूँ
तोरे बिना सूखा-सूखा सावन, तोरे बिना ख़ाली-ख़ाली बतियाँ
तोरे बिना बैरी-बैरी सखियाँ, तोरे बिना
तोरे बिना सूखा-सूखा सावन, तोरे बिना ख़ाली-ख़ाली बतियाँ
तोरे बिना बैरी-बैरी सखियाँ, तोरे बिना, तोरे बिना, तोरे बिना
ओ, महके बदन, मेरे सजन, तेरी ही तो यादों के सहारे
सूखा गगन, बदरा नयन, बहते रहे कजरा के धारे
बैरी बलम, होगा कोई तो कलम, जिससे संदेशा तू भेजे हमार
मेरा बैरी बलम, होगा कोई तो कलम, जिससे संदेशा तू भेजे हमार
ऐंठूँगी, सताऊँगी, सुनो, अबके घर जो आओगे
बाबुल मैं जाऊँगी, यूँ अब देर जो लगाओगे
तोसे ही तोरी शिकायतें करूँ
तोरे बिना सूखा-सूखा सावन, तोरे बिना ख़ाली-ख़ाली बतियाँ
तोरे बिना बैरी-बैरी सखियाँ, तोरे बिना
तोरे बिना सूखा-सूखा सावन, तोरे बिना ख़ाली-ख़ाली बतियाँ
तोरे बिना बैरी-बैरी सखियाँ, तोरे बिना, तोरे बिना, तोरे बिना
तोरे बिना, तोरे बिना, तोरे बिना
तोरे, तोरे, तोरे, तोरे, तोरे...
तोरे, तोरे बिना
Writer(s): Anvita Dutt Guptan Lyrics powered by www.musixmatch.com