Ruth Aa Gayee Re Songtext
von Sukhwinder Singh
Ruth Aa Gayee Re Songtext
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
पीली-पीली सरसों फूले, पीले-पीले पत्ते झूमें
"पीहू-पीहू" पपीहा बोले, चल बाग़ में
धमक-धमक ढोलक बाजे, छनक-छनक पायल छनके
"खनक-खनक" कँगना बोले, चल बाग़ में
चुनरी जो तेरी उड़ती है, उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है, गिर जाने दे
चुनरी जो तेरी उड़ती है, उड़ जाने दे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
गीतों की मौज आई, फूलों की फ़ौज आई
नदिया में जो धूप घुली, सोना बहा
अंबुआ से है लिपटी एक बेल बेले की
तू ही मुझ से है दूर, आ, पास आ
मुझ को तू साँसों से छू ले, झूल इन बाँहों के झूले
प्यार थोड़ा सा मुझे देके, मेरे जान-ओ-दिल तू ले
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
पीली-पीली सरसों फूले, पीले-पीले पत्ते झूमें
"पीहू-पीहू" पपीहा बोले, चल बाग़ में
धमक-धमक ढोलक बाजे, छनक-छनक पायल छनके
"खनक-खनक" कँगना बोले, चल बाग़ में
चुनरी जो तेरी उड़ती है, उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है, गिर जाने दे
चुनरी जो तेरी उड़ती है, उड़ जाने दे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
तू जब यूँ सजती है, एक धूम मचती है
सारी गलियों में, सारे बाज़ार में
आँचल बसंती है, उसमें से छनती है
जो मैंने पूजी है मूरत प्यार में
जाने कैसी है ये डोरी, मैं बँधा हूँ जिससे, गोरी
तेरे नैनों ने मेरी नींदों की कर ली है चोरी
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
पीली-पीली सरसों फूले, पीले-पीले पत्ते झूमें
"पीहू-पीहू" पपीहा बोले, चल बाग़ में
हाँ, धमक-धमक ढोलक बाजे, छनक-छनक पायल छनके
"खनक-खनक" कँगना बोले, चल बाग़ में
चुनरी जो तेरी उड़ती है, उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है, गिर जाने दे
चुनरी जो तेरी उड़ती है, उड़ जाने दे
पीली-पीली सरसों फूले, पीले-पीले पत्ते झूमें
"पीहू-पीहू" पपीहा बोले, चल बाग़ में
धमक-धमक ढोलक बाजे, छनक-छनक पायल छनके
"खनक-खनक" कँगना बोले, चल बाग़ में
पीली-पीली सरसों फूले, पीले-पीले पत्ते झूमें
"पीहू-पीहू" पपीहा बोले, चल बाग़ में
धमक-धमक ढोलक बाजे, छनक-छनक पायल छनके
"खनक-खनक" कँगना बोले, चल बाग़ में
पीली-पीली सरसों फूले, पीले-पीले पत्ते झूमें
"पीहू-पीहू" पपीहा बोले, चल बाग़ में
धमक-धमक ढोलक बाजे, छनक-छनक पायल छनके
"खनक-खनक" कँगना बोले, चल बाग़ में
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
पीली-पीली सरसों फूले, पीले-पीले पत्ते झूमें
"पीहू-पीहू" पपीहा बोले, चल बाग़ में
धमक-धमक ढोलक बाजे, छनक-छनक पायल छनके
"खनक-खनक" कँगना बोले, चल बाग़ में
चुनरी जो तेरी उड़ती है, उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है, गिर जाने दे
चुनरी जो तेरी उड़ती है, उड़ जाने दे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
गीतों की मौज आई, फूलों की फ़ौज आई
नदिया में जो धूप घुली, सोना बहा
अंबुआ से है लिपटी एक बेल बेले की
तू ही मुझ से है दूर, आ, पास आ
मुझ को तू साँसों से छू ले, झूल इन बाँहों के झूले
प्यार थोड़ा सा मुझे देके, मेरे जान-ओ-दिल तू ले
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
पीली-पीली सरसों फूले, पीले-पीले पत्ते झूमें
"पीहू-पीहू" पपीहा बोले, चल बाग़ में
धमक-धमक ढोलक बाजे, छनक-छनक पायल छनके
"खनक-खनक" कँगना बोले, चल बाग़ में
चुनरी जो तेरी उड़ती है, उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है, गिर जाने दे
चुनरी जो तेरी उड़ती है, उड़ जाने दे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
तू जब यूँ सजती है, एक धूम मचती है
सारी गलियों में, सारे बाज़ार में
आँचल बसंती है, उसमें से छनती है
जो मैंने पूजी है मूरत प्यार में
जाने कैसी है ये डोरी, मैं बँधा हूँ जिससे, गोरी
तेरे नैनों ने मेरी नींदों की कर ली है चोरी
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
रुत आ गई रे, रुत छा गई रे
पीली-पीली सरसों फूले, पीले-पीले पत्ते झूमें
"पीहू-पीहू" पपीहा बोले, चल बाग़ में
हाँ, धमक-धमक ढोलक बाजे, छनक-छनक पायल छनके
"खनक-खनक" कँगना बोले, चल बाग़ में
चुनरी जो तेरी उड़ती है, उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है, गिर जाने दे
चुनरी जो तेरी उड़ती है, उड़ जाने दे
पीली-पीली सरसों फूले, पीले-पीले पत्ते झूमें
"पीहू-पीहू" पपीहा बोले, चल बाग़ में
धमक-धमक ढोलक बाजे, छनक-छनक पायल छनके
"खनक-खनक" कँगना बोले, चल बाग़ में
पीली-पीली सरसों फूले, पीले-पीले पत्ते झूमें
"पीहू-पीहू" पपीहा बोले, चल बाग़ में
धमक-धमक ढोलक बाजे, छनक-छनक पायल छनके
"खनक-खनक" कँगना बोले, चल बाग़ में
पीली-पीली सरसों फूले, पीले-पीले पत्ते झूमें
"पीहू-पीहू" पपीहा बोले, चल बाग़ में
धमक-धमक ढोलक बाजे, छनक-छनक पायल छनके
"खनक-खनक" कँगना बोले, चल बाग़ में
Writer(s): A. R. Rahman, Javed Akhtar Lyrics powered by www.musixmatch.com