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Bharat Ki Saugandh Songtext
von Sukhwinder Singh

Bharat Ki Saugandh Songtext

सौगंध है, सौगंध है
सौगंध है

सौगंध है, सौगंध है
भारत की मुझे सौगंध है
सौगंध है, सौगंध है
भारत की मुझे सौगंध है

मैं हूँ जवाँ, ख़ाबों का घर, संसार का मैं प्यार हूँ
टूटे हुए तन-मन जहाँ, मैं ही वहाँ आधार हूँ
मैं दुश्मनों से जंग लूँ, सूखे दिलों को रंग दूँ
कल आएँगी जो पीढ़ियाँ, उनको जीवन का ढंग दूँ


मैं प्राण मेरे छोड़ दूँ
धारा बहा दूँ रक्त की
मैं देश की ख़ातिर जियूँ
ये प्रार्थना देशभक्त की

हो, है उम्र एक मौक़ा के सारी उम्र मैं अपन वार दूँ
ऐसा इयादा सख़्त है, मैं भाग्य को तलकार दूँ

सौगंध है, सौगंध है
भारत की मुझे सौगंध है
सौगंध है, सौगंध है
भारत की मुझे सौगंध है

मस्तक ऊँचा देश का होगा, आसमान झुक जाएगा
जब क़दम उठेंगे भारत के तो जग सारा रुक जाएगा

सौगंध है, हो

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