Manzil Wohi Hai Pyar Ki Songtext
von Subir Sen
Manzil Wohi Hai Pyar Ki Songtext
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गये
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गये
सपनों की महफ़िल में हम तुम नए
सपनों की महफ़िल में हम तुम नये
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गये
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गये
दुनिया की नज़रों से दूर, दुनिया की नज़रों से दूर
जाते हैं हम तुम जहाँ
उस देश की चाँदनी गायेगी ये दास्ताँ
मौसम था वो बहार का दिल भी मचल गये
सपनों की महफ़िल में हम तुम नये
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गये
छुप न सके मेरे राज़, छुप न सके मेरे राज़,
नग़मों में ढलने लगे
रोका था फिर भी ये दिल, पहलू बदलने लगे
वे दिन ही कुछ अजीब थे जो आज कल गये
सपनों की महफ़िल में हम तुम नये
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गये
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गये
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गये
सपनों की महफ़िल में हम तुम नए
सपनों की महफ़िल में हम तुम नये
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गये
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गये
दुनिया की नज़रों से दूर, दुनिया की नज़रों से दूर
जाते हैं हम तुम जहाँ
उस देश की चाँदनी गायेगी ये दास्ताँ
मौसम था वो बहार का दिल भी मचल गये
सपनों की महफ़िल में हम तुम नये
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गये
छुप न सके मेरे राज़, छुप न सके मेरे राज़,
नग़मों में ढलने लगे
रोका था फिर भी ये दिल, पहलू बदलने लगे
वे दिन ही कुछ अजीब थे जो आज कल गये
सपनों की महफ़िल में हम तुम नये
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गये
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गये
Writer(s): Panchal Kaikishan, R S Shankar Singh Lyrics powered by www.musixmatch.com