Heera Songtext
von Shweta Pandit
Heera Songtext
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
कपट कुरंगी मानवा परखत निकरा खोट
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
कपट कुरंगी मानवा, हाँ, परखत निकरा खोट
हीरा तहाँ ना खोलिए जहाँ कुंजड़ों की हाट
सहज गाँठी बाँधी के लगिए अपनी बाट
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
कपट कुरंगी मानवा परखत निकरा खोट
हीरा परा बाजार में रहा छार लपटाय
केतिहे मूरख पचि मुए कोई पारखी लिया उठाय
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
कपट कुरंगी मानवा परखत निकरा खोट
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
कपट कुरंगी मानवा परखत निकरा खोट
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
कपट कुरंगी मानवा, हाँ, परखत निकरा खोट
हीरा तहाँ ना खोलिए जहाँ कुंजड़ों की हाट
सहज गाँठी बाँधी के लगिए अपनी बाट
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
कपट कुरंगी मानवा परखत निकरा खोट
हीरा परा बाजार में रहा छार लपटाय
केतिहे मूरख पचि मुए कोई पारखी लिया उठाय
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
हीरा सोई सराहिए, सहे घनन की चोट
कपट कुरंगी मानवा परखत निकरा खोट
Writer(s): A. R. Rahman, Sant Kabir Lyrics powered by www.musixmatch.com