Shool (Title Song) Songtext
von Shankar Mahadevan
Shool (Title Song) Songtext
ए, चहुँ ओर व्याप्त अँधेर राज
करे त्राहिमाम जनता-समाज
देगा प्रचंड वो तुझको दंड
पापी सँभल, ना कर कोई भूल
जो पाप तेरा हद से बढ़ेगा
आके गिरेगा शंकर का शूल
सब कोई उसे जब मन से बुलाए
रूप बदल के सदा शिव आए
सारे उदंड से अधर्म मिटाए
धर्म का पावन दीप जलाए
सब कोई उसे जब मन से बुलाए
रूप बदल के सदा शिव आए
सारे उदंड से अधर्म मिटाए
धर्म का पावन दीप जलाए
देगा प्रचंड वो तुझको दंड
पापी सँभल, ना कर कोई भूल
जो पाप तेरा हद से बढ़ेगा
आके गिरेगा शंकर का शूल
देगा प्रचंड वो तुझको दंड
पापी सँभल, ना कर कोई भूल
जो पाप तेरा हद से बढ़ेगा
आके गिरेगा शंकर का शूल
देगा प्रचंड वो तुझको दंड
पापी सँभल, ना कर कोई भूल
जो पाप तेरा हद से बढ़ेगा
आके गिरेगा शंकर का शूल
मैं ईश्वर को साक्षी मानकर सपथ लेता हूँ
कि मैं सदा सच बोलूँगा, मैं निर्भय बनूँगा तथा धर्म के रास्ते पर चलूँगा
मैं देश की जनता की सेवा सँविघान सम्मत काननू के अनुसार करूँगा
मैं police विभाग के वरीय पदाधिकारियों का सम्मान करूँगा
एवं उनसे आदेश का अक्षरशः पालन करूँगा
सब कोई उसे जब मन से बुलाए
रूप बदल के सदा शिव आए
सारे उदंड से अधर्म मिटाए
धर्म का पावन दीप जलाए
सब कोई उसे जब मन से बुलाए
रूप बदल के सदा शिव आए
सारे उदंड से अधर्म मिटाए
धर्म का पावन दीप जलाए
जो पाप तेरा हद से बढ़ेगा
आके गिरेगा शंकर का शूल
करे त्राहिमाम जनता-समाज
देगा प्रचंड वो तुझको दंड
पापी सँभल, ना कर कोई भूल
जो पाप तेरा हद से बढ़ेगा
आके गिरेगा शंकर का शूल
सब कोई उसे जब मन से बुलाए
रूप बदल के सदा शिव आए
सारे उदंड से अधर्म मिटाए
धर्म का पावन दीप जलाए
सब कोई उसे जब मन से बुलाए
रूप बदल के सदा शिव आए
सारे उदंड से अधर्म मिटाए
धर्म का पावन दीप जलाए
देगा प्रचंड वो तुझको दंड
पापी सँभल, ना कर कोई भूल
जो पाप तेरा हद से बढ़ेगा
आके गिरेगा शंकर का शूल
देगा प्रचंड वो तुझको दंड
पापी सँभल, ना कर कोई भूल
जो पाप तेरा हद से बढ़ेगा
आके गिरेगा शंकर का शूल
देगा प्रचंड वो तुझको दंड
पापी सँभल, ना कर कोई भूल
जो पाप तेरा हद से बढ़ेगा
आके गिरेगा शंकर का शूल
मैं ईश्वर को साक्षी मानकर सपथ लेता हूँ
कि मैं सदा सच बोलूँगा, मैं निर्भय बनूँगा तथा धर्म के रास्ते पर चलूँगा
मैं देश की जनता की सेवा सँविघान सम्मत काननू के अनुसार करूँगा
मैं police विभाग के वरीय पदाधिकारियों का सम्मान करूँगा
एवं उनसे आदेश का अक्षरशः पालन करूँगा
सब कोई उसे जब मन से बुलाए
रूप बदल के सदा शिव आए
सारे उदंड से अधर्म मिटाए
धर्म का पावन दीप जलाए
सब कोई उसे जब मन से बुलाए
रूप बदल के सदा शिव आए
सारे उदंड से अधर्म मिटाए
धर्म का पावन दीप जलाए
जो पाप तेरा हद से बढ़ेगा
आके गिरेगा शंकर का शूल
Writer(s): Sameer Lyrics powered by www.musixmatch.com