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Jazbaat Ki Sau Rang Hai Songtext
von Shankar Mahadevan & Javed Akhtar

Jazbaat Ki Sau Rang Hai Songtext

जज़्बात के १०० रंग हैं, जज़्बात के १०० रूप हैं
कुछ छाँव है, कुछ धूप है, जज़्बात के १०० रूप हैं
जज़्बात के १०० रंग हैं, जज़्बात के १०० रूप हैं
कुछ छाँव है, कुछ धूप है, जज़्बात के १०० रूप हैं

(जज़्बात के १०० रंग हैं, जज़्बात के १०० रंग हैं)
(कुछ छाँव है, कुछ धूप है, जज़्बात के १०० रंग हैं, १०० रंग हैं)

कुछ है ग़मों की आँधियाँ, कुछ है ख़ुशी के गुलसिताँ
आँसू कभी ना जो भहे, शिकवे रहे जो अनकहे
ओ, आँसू कभी ना जो भहे, शिकवे रहे जो अनकहे
नफ़रत का लावा है कहीं, चाहत की बारिश है कहीं

हो, प्यार है कहीं दुश्मन से भी, ख़ुद से भी रंज़िश है कहीं


जज़्बात के १०० रंग हैं, जज़्बात के १०० रूप हैं
कुछ छाँव है, कुछ धूप है, जज़्बात के १०० रूप हैं (१०० रूप हैं)

आँखों में जलते हैं दीये, होंठों पे खिलते फूल हैं
फूलों के दामन में छुपे, क्या जाने कितने शूल हैं
फूलों के दामन में छुपे, क्या जाने कितने शूल हैं

जज़्बात बूँदें ओस की, जज़्बात अंगारें भी हैं
हो, उभरे हुए सूरज भी हैं, टूटे हुए तारे भी हैं

जज़्बात के १०० रंग हैं, जज़्बात के १०० रूप हैं
कुछ छाँव है, कुछ धूप है, जज़्बात के १०० रूप हैं (१०० रूप हैं)
जज़्बात के १०० रंग हैं, जज़्बात के १०० रूप हैं
कुछ छाँव है, कुछ धूप है, जज़्बात के १०० रूप हैं

जज़्बात के १०० रंग हैं, जज़्बात के १०० रूप हैं
जज़्बात के १०० रंग हैं, जज़्बात के १०० रूप हैं (१०० रूप हैं)

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