Hum Dard Ka Afsana Songtext
von Shamshad Begum
Hum Dard Ka Afsana Songtext
हम दर्द का अफ़साना दुनिया को सुना देंगे
हम दर्द का अफ़साना दुनिया को सुना देंगे
हर दिल में मोहब्बत की इक आग लगा देंगे
हर दिल में मोहब्बत की इक आग लगा देंगे
हो जाएगी फिर दुनिया आबाद यतीमों की
हो जाएगी फिर दुनिया आबाद यतीमों की
गूँजेगी ज़माने में फ़रियाद यतीमों की
गूँजेगी ज़माने में फ़रियाद यतीमों की
रोते हुए नग़्मों से तूफ़ान उठा देंगे
रोते हुए नग़्मों से तूफ़ान उठा देंगे
हर दिल में मोहब्बत की इक आग लगा देंगे
सरकार-ए-दो-′आलम की उम्मत पे सितम क्यूँ हो
सरकार-ए-दो-'आलम की उम्मत पे सितम क्यूँ हो
अल्लाह के बंदों को मझदार का ग़म क्यूँ हो
अल्लाह के बंदों को मझदार का ग़म क्यूँ हो
इस्लाम की कश्ती को हम पार लगा देंगे
इस्लाम की कश्ती को हम पार लगा देंगे
हम दर्द का अफ़साना दुनिया को सुना देंगे
एहसान यतीमों की तक़दीर पे कर डालो
एहसान यतीमों की तक़दीर पे कर डालो
फ़रियाद है दिलवालों, फ़रियाद है दिलवालों
फ़रियाद है दिलवालों, फ़रियाद है दिलवालों
हम पर भी करम करना, हम तुम को दुआ देंगे
हम पर भी करम करना, हम तुम को दुआ देंगे
हर दिल में मोहब्बत की इक आग लगा देंगे
हम दर्द का अफ़साना दुनिया को सुना देंगे
हर दिल में मोहब्बत की इक आग लगा देंगे
हर दिल में मोहब्बत की इक आग लगा देंगे
हो जाएगी फिर दुनिया आबाद यतीमों की
हो जाएगी फिर दुनिया आबाद यतीमों की
गूँजेगी ज़माने में फ़रियाद यतीमों की
गूँजेगी ज़माने में फ़रियाद यतीमों की
रोते हुए नग़्मों से तूफ़ान उठा देंगे
रोते हुए नग़्मों से तूफ़ान उठा देंगे
हर दिल में मोहब्बत की इक आग लगा देंगे
सरकार-ए-दो-′आलम की उम्मत पे सितम क्यूँ हो
सरकार-ए-दो-'आलम की उम्मत पे सितम क्यूँ हो
अल्लाह के बंदों को मझदार का ग़म क्यूँ हो
अल्लाह के बंदों को मझदार का ग़म क्यूँ हो
इस्लाम की कश्ती को हम पार लगा देंगे
इस्लाम की कश्ती को हम पार लगा देंगे
हम दर्द का अफ़साना दुनिया को सुना देंगे
एहसान यतीमों की तक़दीर पे कर डालो
एहसान यतीमों की तक़दीर पे कर डालो
फ़रियाद है दिलवालों, फ़रियाद है दिलवालों
फ़रियाद है दिलवालों, फ़रियाद है दिलवालों
हम पर भी करम करना, हम तुम को दुआ देंगे
हम पर भी करम करना, हम तुम को दुआ देंगे
हर दिल में मोहब्बत की इक आग लगा देंगे
Writer(s): Shakeel Badayuni, Naushad Naushad Lyrics powered by www.musixmatch.com