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Mera Sufi Ishq Songtext
von Shalmali Kholgade

Mera Sufi Ishq Songtext

मेरा सूफ़ी इश्क़ है, माहिया
मेरा सूफ़ी इश्क़ है, माहिया
मेरे हुस्न में इत्र महकता है
हाँ, मेरे रूप को चाँद तरसता है
महका मुश्क है, माहिया
मेरा सूफ़ी इश्क़ है, माहिया

मैं हवा, मैं फ़िज़ा, मैं घटा, मैं सुबह
सब्ज़ मौसम में सजती रही
मैं हवा, मैं फ़िज़ा, मैं घटा, मैं सुबह
सब्ज़ मौसम में सजती रही

गीली-गीली ज़मीं पे किरन की तरह
धूप बन के बिखरती रही
गीली-गीली ज़मीं पे किरन की तरह
धूप बन के बिखरती रही

फ़िरदौस हूँ मैं, मदहोश हूँ मैं
मेरा अक्स ना छू
फ़िरदौस हूँ मैं, मदहोश हूँ मैं
मेरा अक्स ना छू


मेरा सूफ़ी इश्क़ है, माहिया
हाँ, मेरा सूफ़ी इश्क़ है, माहिया

दर्द मैं, मैं दवा, मैं फ़क़ीरी दुआ
आसमानों से उतरी हूँ मैं
दर्द मैं, मैं दवा, मैं फ़क़ीरी दुआ
आसमानों से उतरी हूँ मैं

कुछ ना मेरे बिना, मैं हूँ रंग-ए-हिना
दो हथेली पे लगती रहूँ
ओ, कुछ ना मेरे बिना, मैं हूँ रंग-ए-हिना
दो हथेली पे लगती रहूँ

मैं हूँ मस्त-मलंग, ना चढ़ा मेरा रंग
तू होगा फ़ना
मैं हूँ मस्त-मलंग, ना चढ़ा मेरा रंग
तू होगा फ़ना

मेरा सूफ़ी इश्क़ है, माहिया
हाँ, मेरा सूफ़ी इश्क़ है, माहिया
मेरे हुस्न में इत्र महकता है
मेरे रूप को चाँद तरसता है
महका मुश्क है, माहिया
मेरा सूफ़ी इश्क़ है, माहिया


माहिया, माहिया
माहिया, माहिया

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