Kuch Nahi (Reprised) Songtext
von Shafqat Amanat Ali
Kuch Nahi (Reprised) Songtext
ना नब्ज़, ना ही साँसें, कुछ नहीं, कुछ नहीं
तेरे बिना है जीना कुछ नहीं, कुछ नहीं
ना अश्क, ना ही आहें, कुछ नहीं, कुछ नहीं
तेरे बिना है मरना कुछ नहीं, कुछ नहीं
तेरे बिना मैं क्यूँ? तेरे बिना मैं क्या?
हर पहर, दर-ब-दर कुछ नहीं, कुछ नहीं
ना अक्स, ना ही साया, कुछ नहीं, कुछ नहीं
तेरे बिना है मेरा कुछ नहीं, कुछ नहीं
ग़मज़दा सी वादियाँ हैं दे रही सलामियाँ
तुझे याद करके, तुझे याद करके
हर ज़ुबाँ पे आ रही तेरी सभी कहानियाँ
तुझे याद करके, तुझे याद करके
तेरे बिना मैं क्यूँ? तेरे बिना मैं क्या?
हर पहर, दर-ब-दर कुछ नहीं, कुछ नहीं
शाम-ओ-सुबह, ये सदियाँ, कुछ नहीं, कुछ नहीं
तेरे बिना ये दुनियाँ कुछ नहीं, कुछ नहीं
कागा सब तन खाइयो
होरे, चुन-चुन खाइयो माँस
दो नैना मत खाइयो
इन्हें पिया मिलन की आस
तेरे बिना है जीना कुछ नहीं, कुछ नहीं
ना अश्क, ना ही आहें, कुछ नहीं, कुछ नहीं
तेरे बिना है मरना कुछ नहीं, कुछ नहीं
तेरे बिना मैं क्यूँ? तेरे बिना मैं क्या?
हर पहर, दर-ब-दर कुछ नहीं, कुछ नहीं
ना अक्स, ना ही साया, कुछ नहीं, कुछ नहीं
तेरे बिना है मेरा कुछ नहीं, कुछ नहीं
ग़मज़दा सी वादियाँ हैं दे रही सलामियाँ
तुझे याद करके, तुझे याद करके
हर ज़ुबाँ पे आ रही तेरी सभी कहानियाँ
तुझे याद करके, तुझे याद करके
तेरे बिना मैं क्यूँ? तेरे बिना मैं क्या?
हर पहर, दर-ब-दर कुछ नहीं, कुछ नहीं
शाम-ओ-सुबह, ये सदियाँ, कुछ नहीं, कुछ नहीं
तेरे बिना ये दुनियाँ कुछ नहीं, कुछ नहीं
कागा सब तन खाइयो
होरे, चुन-चुन खाइयो माँस
दो नैना मत खाइयो
इन्हें पिया मिलन की आस
Writer(s): Pritam Chakraborty, Amitabh Bhattacharya, Kausar Munir Lyrics powered by www.musixmatch.com