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Jab Jab Teri Surat Dekhun (Jane Jana) Songtext
von Sapna Mukherjee

Jab Jab Teri Surat Dekhun (Jane Jana) Songtext

जान-ए-जानाँ, ओ, जान-ए-जानाँ

जान-ए-जानाँ, ओ, जान-ए-जानाँ

हो, जब-जब तेरी सूरत देखूँ
जब-जब तेरी सूरत देखूँ, प्यार सा दिल में जागे
हो, तेरी तरफ़ ही दिल मुझे खींचे
क्या तू मेरा लागे? क्या तू मेरा लागे?

कौन सा ये बंधन है, ये कैसा अपनापन है
किसी का ज़ोर चले ना, ये कैसी दिल की लगन है

जान-ए-जानाँ, ओ, जान-ए-जानाँ

हो, जब-जब तेरी सूरत देखूँ
जब-जब तेरी सूरत देखूँ, प्यार सा दिल में जागे
हो, तेरी तरफ़ ही दिल मुझे खींचे
क्या तू मेरी लागे? क्या तू मेरी लागे?

कौन सा ये बंधन है, ये कैसा अपनापन है
किसी का ज़ोर चले ना, ये कैसी दिल की लगन है

जान-ए-जानाँ, ओ, जान-ए-जानाँ


हो, प्यार नहीं कोई तन का सौदा
प्यार नहीं कोई तन का सौदा, प्यार है मन की पूजा
हो, जब से जीवन में तू आया
भाया नहीं कोई दूजा, भाया नहीं कोई दूजा

मेरी भी क्या क़िस्मत है, दिल में तेरी चाहत है
खिला है गुल सहरा में, ख़ुदा को भी हैरत है

जान-ए-जानाँ, ओ, जान-ए-जानाँ

फूल बनकर तेरा चेहरा, मेरे हाथों में खिला है
मिलन है दिल से दिल का, बदन से बदन मिला है
तेरी चाहत की गर्मी, नरम साँसों का तूफ़ाँ
मोम हो गया मेरा दिल, पिघलने लगा है ईमाँ

जान-ए-जानाँ, ओ, जान-ए-जानाँ

जब-जब तेरी सूरत देखूँ, प्यार सा दिल में जागे
हो, तेरी तरफ़ ही दिल मुझे खींचे
क्या तू मेरा लागे? क्या तू मेरा लागे?

कौन सा ये बंधन है, ये कैसा अपनापन है
किसी का ज़ोर चले ना, ये कैसी दिल की लगन है

जान-ए-जानाँ, ओ, जान-ए-जानाँ

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