Shikayat Hai Songtext
von Roop Kumar Rathod
Shikayat Hai Songtext
शिकायत है, शिकायत है, शिकायत है
मुझको दिल से यही शिकायत है, शिकायत है
मुझको दिल से यही शिकायत है, शिकायत है
जो उसको मिल नही सकता
जो उसको मिल नही सकता, क्यूँ उसकी चाहत है?
मुझको दिल से यही शिकायत है, शिकायत है
टुकड़ो-टुकड़ो में मुझसे रोज़ मिलने वाले सुन
जब मुकम्मल नहीं मिलना तो कोई ख्वाब ना बुन
तनहा-तनहा हूँ मैं, मुझे तेरी ज़रूरत है
मुझको दिल से यही शिकायत है, शिकायत है
ये तेरी ज़ुल्फ़ें, तेरी आँखें, उफ़, ये तेरा पैर है
और खुशबू से महकता हुआ ये गोरा सा बदन
जानता हूँ मैं लेकिन किसी ग़ैर की अमानत है
मुझको दिल से यही शिकायत है, शिकायत है
बिन तेरे मुझको ज़िन्दगी से ख़ौफ़ लगता है
किश्तों-किश्तों में मर रहा हूँ रोज़ लगता है
इस लिए मुझको अपनी ज़िन्दगी से नफ़रत है
मुझको दिल से यही शिकायत है, शिकायत है
शिकायत है, शिकायत है, शिकायत है
मुझको दिल से यही शिकायत है, शिकायत है
मुझको दिल से यही शिकायत है, शिकायत है
जो उसको मिल नही सकता
जो उसको मिल नही सकता, क्यूँ उसकी चाहत है?
मुझको दिल से यही शिकायत है, शिकायत है
टुकड़ो-टुकड़ो में मुझसे रोज़ मिलने वाले सुन
जब मुकम्मल नहीं मिलना तो कोई ख्वाब ना बुन
तनहा-तनहा हूँ मैं, मुझे तेरी ज़रूरत है
मुझको दिल से यही शिकायत है, शिकायत है
ये तेरी ज़ुल्फ़ें, तेरी आँखें, उफ़, ये तेरा पैर है
और खुशबू से महकता हुआ ये गोरा सा बदन
जानता हूँ मैं लेकिन किसी ग़ैर की अमानत है
मुझको दिल से यही शिकायत है, शिकायत है
बिन तेरे मुझको ज़िन्दगी से ख़ौफ़ लगता है
किश्तों-किश्तों में मर रहा हूँ रोज़ लगता है
इस लिए मुझको अपनी ज़िन्दगी से नफ़रत है
मुझको दिल से यही शिकायत है, शिकायत है
शिकायत है, शिकायत है, शिकायत है
Writer(s): Quadri Sayeed, Kreem M Lyrics powered by www.musixmatch.com