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O Saiyyan Songtext
von Roop Kumar Rathod

O Saiyyan Songtext

मेरी अधूरी कहानी, लो दास्ताँ बन गई
हो, तूने छुआ आज ऐसे, ऐ, क्या से क्या बन गई
सहमे हुए सपने मेरे हौले-हौले अँगड़ाईयाँ ले रहे
ठहरे हुए लम्हें मेरे नई-नई गहराईयाँ ले रहे

ज़िंदगी ने पहनी है मुस्कान
करने लगी है इतना करम क्यूँ ना जाने
करवट लेने लगे हैं अरमान फिर भी
है आँख नम क्यूँ ना जाने
ओ, सैयाँ


ओढ़ूँ तेरी काया, १६ सिंगार मैं सजा लूँ
संगम की ये रैना, इस में त्योहार मैं मना लूँ
ख़ुशबू तेरी छू के कस्तूरी हो जाऊँ
कितनी फीकी थी मैं, सिंदूरी हो जाऊँ

सुर से ज़रा बहकी हुई, मेरी दुनिया थी बड़ी बेसुरी
सुर में तेरे ढलने लगी, बनी रे, पिया, मैं बनी बाँसुरी

ज़िंदगी ने पहनी है मुस्कान
करने लगी है इतना करम क्यूँ ना जाने
करवट लेने लगे हैं अरमान फिर भी
है आँख नम क्यूँ ना जाने
ओ, सैयाँ (ओ, सैयाँ)

मेरे आसमाँ से जो हमेशा गुमशुदा थे चाँद-तारे
तूने गर्दिशों की लय बदल दी, लौट आए आज सारे

ओ, सैयाँ

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