Ki Hai Wafa Ki Baat Songtext
von Roop Kumar Rathod
Ki Hai Wafa Ki Baat Songtext
क्या कहूँ दोस्तों के बारे में
क्या कहूँ? क्या कहूँ...
क्या कहूँ...
क्या कहूँ दोस्तों के बारे में
मेरे क़िस्मत के फूल हैं ये
जब भी देते हैं...
जब भी देते हैं ज़ख़्म देते हैं
किस-क़दर बा-उसूल हैं ये
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
हम ले चले चराग़ हवाओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
जाओ, सताओ मत हमें, लो राह शैख़ जी
जाओ, सताओ मत हमें, लो राह शैख़ जी
तौबा, ना हमसे होगी घटाओं के सामने
तौबा, ना हमसे होगी घटाओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
उठे हैं जब भी हाथ तो बदली हैं क़िस्मतें
उठे हैं जब भी हाथ तो बदली हैं क़िस्मतें
मजबूर है ख़ुदा भी दुआओं के सामने
मजबूर है ख़ुदा भी दुआओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
बिजली की हो तड़प या गुलों की हँसी, मुराद
बिजली की हो तड़प या गुलों की हँसी, मुराद
ठहरेगा कौन उनकी अदाओं के सामने
ठहरेगा कौन उनकी अदाओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
हम ले चले चराग़ हवाओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
क्या कहूँ? क्या कहूँ...
क्या कहूँ...
क्या कहूँ दोस्तों के बारे में
मेरे क़िस्मत के फूल हैं ये
जब भी देते हैं...
जब भी देते हैं ज़ख़्म देते हैं
किस-क़दर बा-उसूल हैं ये
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
हम ले चले चराग़ हवाओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
जाओ, सताओ मत हमें, लो राह शैख़ जी
जाओ, सताओ मत हमें, लो राह शैख़ जी
तौबा, ना हमसे होगी घटाओं के सामने
तौबा, ना हमसे होगी घटाओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
उठे हैं जब भी हाथ तो बदली हैं क़िस्मतें
उठे हैं जब भी हाथ तो बदली हैं क़िस्मतें
मजबूर है ख़ुदा भी दुआओं के सामने
मजबूर है ख़ुदा भी दुआओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
बिजली की हो तड़प या गुलों की हँसी, मुराद
बिजली की हो तड़प या गुलों की हँसी, मुराद
ठहरेगा कौन उनकी अदाओं के सामने
ठहरेगा कौन उनकी अदाओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
हम ले चले चराग़ हवाओं के सामने
की है वफ़ा की बात जफ़ाओं के सामने
Writer(s): Roopkumar Rathod, Murad Lucknowi Lyrics powered by www.musixmatch.com