Aarti Songtext
von Ravindra Sathe
Aarti Songtext
शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको
हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको
महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको
जय देव जय देव
(जय देव जय देव)
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
(जय देव जय देव)
भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतत संपत सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे
जय देव जय देव
(जय देव जय देव)
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
(जय देव जय देव)
घालीन लोटांगण, वंदीनचरण
डोळ्यांनीपाहीनरुपतुझें
प्रेमेंआलिंगन, आनंदेपूजिन
भावेंओवाळीन म्हणेनामा
त्वमेवमाताचपितात्वमेव
त्वमेवबंधुक्ष्च सखात्वमेव
त्वमेवविध्याद्रविणं त्वमेव
त्वमेवसर्वंममदेवदेव
कायेनवाचा मनसेंद्रीयेव्रा, बुद्धयात्मनावा प्रकृतिस्वभावात
करोमियध्य्त सकलंपरस्मे, नारायणायेति समर्पयामि
अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम
श्रीधरं माधवं गोपिका वल्लभं, जानकीनायकं रामचंद्रभजे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको
हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको
महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको
जय देव जय देव
(जय देव जय देव)
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
(जय देव जय देव)
भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतत संपत सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे
जय देव जय देव
(जय देव जय देव)
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
(जय देव जय देव)
घालीन लोटांगण, वंदीनचरण
डोळ्यांनीपाहीनरुपतुझें
प्रेमेंआलिंगन, आनंदेपूजिन
भावेंओवाळीन म्हणेनामा
त्वमेवमाताचपितात्वमेव
त्वमेवबंधुक्ष्च सखात्वमेव
त्वमेवविध्याद्रविणं त्वमेव
त्वमेवसर्वंममदेवदेव
कायेनवाचा मनसेंद्रीयेव्रा, बुद्धयात्मनावा प्रकृतिस्वभावात
करोमियध्य्त सकलंपरस्मे, नारायणायेति समर्पयामि
अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम
श्रीधरं माधवं गोपिका वल्लभं, जानकीनायकं रामचंद्रभजे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
Writer(s): Suresh Sneha, Pandit Eshwar, Joshi Ankita Lyrics powered by www.musixmatch.com