Ajnabi Songtext
von Raaj
Ajnabi Songtext
अजनबी ख़्वाब में देखा था जो हो तुम वही
दिल मुझे ले चला, चल पड़ा मैं तो वहीं
अजनबी (अजनबी) ख़्वाब में (ख़्वाब में)
देखा था जो हो तुम वही
दिल मुझे (दिल मुझे) ले चला (ले चला)
चल पड़ा मैं तो वहीं
रात-दिन मैं जागता हूँ, बीते पल को सोचता हूँ
हर क़दम को देखता हूँ मैं
रात-दिन मैं जागता हूँ, बीते पल को सोचता हूँ
हर क़दम को देखता हूँ मैं, whoa
अजनबी (अजनबी) ख़्वाब में (ख़्वाब में)
देखा था जो हो तुम वही
दिल मुझे (दिल मुझे) ले चला (ले चला)
चल पड़ा मैं तो वहीं
कुछ तो नया एहसास है, जो मेरा मन उड़ रहा
रोके से भी रुकता नहीं, किस ओर ये मुड़ रहा?
बूँदें गिरी ख़्वाहिशों की तो मैं एक पल भी ना ख़ुद में रहा
अजनबी (अजनबी) ख़्वाब में (ख़्वाब में)
देखा था जो हो तुम वही
दिल मुझे (दिल मुझे) ले चला (ले चला)
चल पड़ा मैं तो वहीं
ख़ुशबू घुली जज़्बात में, जाने पहेली है क्या
बैठे हुए सोचा करूँ, "ये क्या मुझे हो गया?"
झोंका कोई एक अनजान सा धड़कनों को मेरी छू रहा, हाँ
अजनबी (अजनबी) ख़्वाब में (ख़्वाब में)
देखा था जो हो तुम वही
दिल मुझे (दिल मुझे) ले चला (ले चला)
चल पड़ा मैं तो वहीं
रात-दिन मैं जागता हूँ, बीते पल को सोचता हूँ
हर क़दम को देखता हूँ मैं
रात-दिन मैं जागता हूँ, बीते पल को सोचता हूँ
हर क़दम को देखता हूँ मैं, whoa
अजनबी (अजनबी) ख़्वाब में (ख़्वाब में)
देखा था जो हो तुम वही
दिल मुझे (दिल मुझे) ले चला (ले चला)
चल पड़ा मैं तो वहीं
दिल मुझे ले चला, चल पड़ा मैं तो वहीं
अजनबी (अजनबी) ख़्वाब में (ख़्वाब में)
देखा था जो हो तुम वही
दिल मुझे (दिल मुझे) ले चला (ले चला)
चल पड़ा मैं तो वहीं
रात-दिन मैं जागता हूँ, बीते पल को सोचता हूँ
हर क़दम को देखता हूँ मैं
रात-दिन मैं जागता हूँ, बीते पल को सोचता हूँ
हर क़दम को देखता हूँ मैं, whoa
अजनबी (अजनबी) ख़्वाब में (ख़्वाब में)
देखा था जो हो तुम वही
दिल मुझे (दिल मुझे) ले चला (ले चला)
चल पड़ा मैं तो वहीं
कुछ तो नया एहसास है, जो मेरा मन उड़ रहा
रोके से भी रुकता नहीं, किस ओर ये मुड़ रहा?
बूँदें गिरी ख़्वाहिशों की तो मैं एक पल भी ना ख़ुद में रहा
अजनबी (अजनबी) ख़्वाब में (ख़्वाब में)
देखा था जो हो तुम वही
दिल मुझे (दिल मुझे) ले चला (ले चला)
चल पड़ा मैं तो वहीं
ख़ुशबू घुली जज़्बात में, जाने पहेली है क्या
बैठे हुए सोचा करूँ, "ये क्या मुझे हो गया?"
झोंका कोई एक अनजान सा धड़कनों को मेरी छू रहा, हाँ
अजनबी (अजनबी) ख़्वाब में (ख़्वाब में)
देखा था जो हो तुम वही
दिल मुझे (दिल मुझे) ले चला (ले चला)
चल पड़ा मैं तो वहीं
रात-दिन मैं जागता हूँ, बीते पल को सोचता हूँ
हर क़दम को देखता हूँ मैं
रात-दिन मैं जागता हूँ, बीते पल को सोचता हूँ
हर क़दम को देखता हूँ मैं, whoa
अजनबी (अजनबी) ख़्वाब में (ख़्वाब में)
देखा था जो हो तुम वही
दिल मुझे (दिल मुझे) ले चला (ले चला)
चल पड़ा मैं तो वहीं
Writer(s): Shabbir Ahmed Lyrics powered by www.musixmatch.com