Aarii Sakhi Morae (Qawwaali Remake) Songtext
von Papon
Aarii Sakhi Morae (Qawwaali Remake) Songtext
ऐ री सखी, मोरे पिया घर आए
ऐ री सखी, मोरे पिया घर आए
भाग लगे इस आँगन को
भाग लगे इस आँगन को
अपने पिया के मैं बल-बल जाऊँ
अपने पिया के मैं बल-बल जाऊँ
चरण लगायो निर्धन को
चरण लगायो निर्धन को
ऐ री सखी, मोरे पिया आए
ऐ री सखी, मोरे पिया आए
मैं तो खड़ी थी आस लगाए
मेहँदी, कजरा, माँग सजाए
मैं तो खड़ी थी...
मैं तो खड़ी थी आस लगाए
मेहँदी, कजरा, माँग सजाए
देखी सुरतिया अपने पिया की
देखी सुरतिया अपने पिया की
हार गई मैं तन-मन को
हार गई मैं तन-मन को
ऐ री सखी, मोरे पिया घर आए
जिसके पिया संग बीते सावन
उस दुल्हन की रैन सुहागन
जिसके पिया संग बीते सावन
उस दुल्हन की रैन सुहागन
जिस सावन में पिया घर नाही
जिस सावन में पिया घर नाही
आग लगे उस सावन को
आग लगे उस सावन को
ऐ री सखी, मोरे पिया घर आए
ऐ री सखी, मोरे पिया घर आए
भाग लगे इस आँगन को
भाग लगे इस आँगन को
अपने पिया के मैं बल-बल जाऊँ
अपने पिया के मैं बल-बल जाऊँ
चरण लगायो निर्धन को
चरण लगायो निर्धन को
ऐ री सखी, मोरे पिया आए
ऐ री सखी, मोरे पिया आए
मैं तो खड़ी थी आस लगाए
मेहँदी, कजरा, माँग सजाए
मैं तो खड़ी थी...
मैं तो खड़ी थी आस लगाए
मेहँदी, कजरा, माँग सजाए
देखी सुरतिया अपने पिया की
देखी सुरतिया अपने पिया की
हार गई मैं तन-मन को
हार गई मैं तन-मन को
ऐ री सखी, मोरे पिया घर आए
जिसके पिया संग बीते सावन
उस दुल्हन की रैन सुहागन
जिसके पिया संग बीते सावन
उस दुल्हन की रैन सुहागन
जिस सावन में पिया घर नाही
जिस सावन में पिया घर नाही
आग लगे उस सावन को
आग लगे उस सावन को
ऐ री सखी, मोरे पिया घर आए
Writer(s): Amir Khusro Lyrics powered by www.musixmatch.com