Banake Aaina Songtext
von Pankaj Udhas & Sadhana Sargam
Banake Aaina Songtext
बना के आईना हर ज़ख़्म को दिखाऊँ उसे
बना के आईना हर ज़ख़्म को दिखाऊँ उसे
उसी पे शेर कहूँ और फ़िर सुनाऊँ उसे
बना के आईना हर ज़ख़्म को दिखाऊँ उसे
बना के आईना...
वो रागिनी है, वो नग़्मा है, वो तरन्नुम है
वो रागिनी है, वो नग़्मा है, वो तरन्नुम है
लबों पे फूल खिलें जब मैं गुनगुनाऊँ उसे
लबों पे फूल खिलें जब मैं गुनगुनाऊँ उसे
उसी पे शेर कहूँ और फ़िर सुनाऊँ उसे
बना के आईना...
चमक रहा है ग़ज़ल-दर-ग़ज़ल वही चेहरा
चमक रहा है ग़ज़ल-दर-ग़ज़ल वही चेहरा
वो रोशनी है तो फ़िर किस तरह छुपाऊँ उसे?
वो रोशनी है तो फ़िर किस तरह छुपाऊँ उसे?
उसी पे शेर कहूँ और फ़िर सुनाऊँ उसे
बना के आईना...
उसी की यादों का है नाम ज़िंदगी, Rashid
उसी की यादों का है नाम ज़िंदगी, Rashid
जो मुझसे कह नहीं पाया कि भूल जाऊँ उसे
जो मुझसे कह नहीं पाया कि भूल जाऊँ उसे
उसी पे शेर कहूँ और फ़िर सुनाऊँ उसे
बना के आईना हर ज़ख़्म को दिखाऊँ उसे
बना के आईना...
बना के आईना हर ज़ख़्म को दिखाऊँ उसे
उसी पे शेर कहूँ और फ़िर सुनाऊँ उसे
बना के आईना हर ज़ख़्म को दिखाऊँ उसे
बना के आईना...
वो रागिनी है, वो नग़्मा है, वो तरन्नुम है
वो रागिनी है, वो नग़्मा है, वो तरन्नुम है
लबों पे फूल खिलें जब मैं गुनगुनाऊँ उसे
लबों पे फूल खिलें जब मैं गुनगुनाऊँ उसे
उसी पे शेर कहूँ और फ़िर सुनाऊँ उसे
बना के आईना...
चमक रहा है ग़ज़ल-दर-ग़ज़ल वही चेहरा
चमक रहा है ग़ज़ल-दर-ग़ज़ल वही चेहरा
वो रोशनी है तो फ़िर किस तरह छुपाऊँ उसे?
वो रोशनी है तो फ़िर किस तरह छुपाऊँ उसे?
उसी पे शेर कहूँ और फ़िर सुनाऊँ उसे
बना के आईना...
उसी की यादों का है नाम ज़िंदगी, Rashid
उसी की यादों का है नाम ज़िंदगी, Rashid
जो मुझसे कह नहीं पाया कि भूल जाऊँ उसे
जो मुझसे कह नहीं पाया कि भूल जाऊँ उसे
उसी पे शेर कहूँ और फ़िर सुनाऊँ उसे
बना के आईना हर ज़ख़्म को दिखाऊँ उसे
बना के आईना...
Writer(s): Mumtaz Rashid, Ali Tejrasar, Ghani Tejrasar Lyrics powered by www.musixmatch.com