Musafir Songtext
von Palash Muchhal feat. Arijit Singh
Musafir Songtext
कैसे? जियूँगा कैसे?
बता दे मुझको, तेरे बिना
कैसे? जियूँगा कैसे?
बता दे मुझको, तेरे बिना
तेरा-मेरा जहाँ, ले चलूँ मैं वहाँ
कोई तुझको, ना मुझसे चुरा ले
रख लूँ आँखों में मैं, खोलूँ पलकें ना मैं
कोई तुझको, ना मुझसे चुरा ले
मैं अंधेरों से घिरा हूँ
आ, दिखा दे तू मुझको सवेरा मेरा
मैं भटकता एक मुसाफ़िर
आ, दिला दे तू मुझको बसेरा मेरा
जागी-जागी रातें मेरी, रोशन तुझसे है सवेरा
तू ही मेरे जीने की वजह
जब तक हैं ये साँसें मेरी, इनपे है सदा हक़ तेरा
पूरी है तुझसे मेरी दुआ
तेरा-मेरा जहाँ, ले चलूँ मैं वहाँ
कोई तुझको, ना मुझसे चुरा ले
रख लूँ आँखों में मैं, खोलूँ पलकें ना मैं
कोई तुझको, ना मुझसे चुरा ले
मैं अंधेरों से घिरा हूँ
आ, दिखा दे तू मुझको सवेरा मेरा
मैं भटकता एक मुसाफ़िर
आ, दिला दे तू मुझको बसेरा मेरा
कैसे, जियूँगा कैसे?
बता दे मुझको, तेरे बिना
कैसे, जियूँगा कैसे?
बता दे मुझको, तेरे बिना
तेरा-मेरा जहाँ, ले चलूँ मैं वहाँ
कोई तुझको, ना मुझसे चुरा ले
रख लूँ आँखों में मैं, खोलूँ पलकें ना मैं
कोई तुझको, ना मुझसे चुरा ले
मैं अंधेरों से घिरा हूँ
आ, दिखा दे तू मुझको सवेरा मेरा
मैं भटकता एक मुसाफ़िर
आ, दिला दे तू मुझको बसेरा मेरा
बता दे मुझको, तेरे बिना
कैसे? जियूँगा कैसे?
बता दे मुझको, तेरे बिना
तेरा-मेरा जहाँ, ले चलूँ मैं वहाँ
कोई तुझको, ना मुझसे चुरा ले
रख लूँ आँखों में मैं, खोलूँ पलकें ना मैं
कोई तुझको, ना मुझसे चुरा ले
मैं अंधेरों से घिरा हूँ
आ, दिखा दे तू मुझको सवेरा मेरा
मैं भटकता एक मुसाफ़िर
आ, दिला दे तू मुझको बसेरा मेरा
जागी-जागी रातें मेरी, रोशन तुझसे है सवेरा
तू ही मेरे जीने की वजह
जब तक हैं ये साँसें मेरी, इनपे है सदा हक़ तेरा
पूरी है तुझसे मेरी दुआ
तेरा-मेरा जहाँ, ले चलूँ मैं वहाँ
कोई तुझको, ना मुझसे चुरा ले
रख लूँ आँखों में मैं, खोलूँ पलकें ना मैं
कोई तुझको, ना मुझसे चुरा ले
मैं अंधेरों से घिरा हूँ
आ, दिखा दे तू मुझको सवेरा मेरा
मैं भटकता एक मुसाफ़िर
आ, दिला दे तू मुझको बसेरा मेरा
कैसे, जियूँगा कैसे?
बता दे मुझको, तेरे बिना
कैसे, जियूँगा कैसे?
बता दे मुझको, तेरे बिना
तेरा-मेरा जहाँ, ले चलूँ मैं वहाँ
कोई तुझको, ना मुझसे चुरा ले
रख लूँ आँखों में मैं, खोलूँ पलकें ना मैं
कोई तुझको, ना मुझसे चुरा ले
मैं अंधेरों से घिरा हूँ
आ, दिखा दे तू मुझको सवेरा मेरा
मैं भटकता एक मुसाफ़िर
आ, दिला दे तू मुझको बसेरा मेरा
Writer(s): Palash Muchhal, Palak Muchhal Lyrics powered by www.musixmatch.com