Mere Rashk-e-Qamar Songtext
von Nusrat Fateh Ali Khan
Mere Rashk-e-Qamar Songtext
ऐसे लहरा के तू रूबरू आ गयी
ऐसे लहरा के तू रूबरू आ गयी
धड़कने बेतहाशा तड़पने लगीं
धड़कने बेतहाशा तड़पने लगीं
तीर ऐसा लगा दर्द ऐसा जगा
तीर ऐसा लगा दर्द ऐसा जगा
चोट दिल पे वो खायी मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर
मज़ा आ गया
मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलायी मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलायी मज़ा आ गया
रेत ही रेत थी मेरे दिल में भरी
रेत ही रेत थी मेरे दिल में भरी
प्यास ही प्यास थी ज़िन्दगी ये मेरी
प्यास ही प्यास थी ज़िन्दगी ये मेरी
आज सेहराओं में इश्क के गाँव में
आज सेहराओं में इश्क के गाँव में
बारिशें घिर के आई मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर
मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलायी मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलायी मज़ा आ गया
मज़ा आ गया
मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलायी मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलायी मज़ा आ गया
ऐसे लहरा के तू रूबरू आ गयी
धड़कने बेतहाशा तड़पने लगीं
धड़कने बेतहाशा तड़पने लगीं
तीर ऐसा लगा दर्द ऐसा जगा
तीर ऐसा लगा दर्द ऐसा जगा
चोट दिल पे वो खायी मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर
मज़ा आ गया
मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलायी मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलायी मज़ा आ गया
रेत ही रेत थी मेरे दिल में भरी
रेत ही रेत थी मेरे दिल में भरी
प्यास ही प्यास थी ज़िन्दगी ये मेरी
प्यास ही प्यास थी ज़िन्दगी ये मेरी
आज सेहराओं में इश्क के गाँव में
आज सेहराओं में इश्क के गाँव में
बारिशें घिर के आई मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर
मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलायी मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलायी मज़ा आ गया
मज़ा आ गया
मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलायी मज़ा आ गया
मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र
जब नज़र से मिलायी मज़ा आ गया
Writer(s): Nusrat Fateh Ali Khan, Manoj Muntashir Shukla, Reegdeb Das, A1 Melody Master Lyrics powered by www.musixmatch.com