Main Khayal Hun Kisi Aur Ka Songtext
von Nusrat Fateh Ali Khan
Main Khayal Hun Kisi Aur Ka Songtext
मैं ख्याल हूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
मैं ख्याल हूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
सरे-आईना मेरा अक्स है, पसे-आईना कोई और है
मैं ख्यालहूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
मैं किसी के दस्ते-तलब में हूँ तो किसी के हर्फ़े-दुआ में हूँ
मैं किसी के दस्ते-तलब में हूँ तो किसी के हर्फ़े-दुआ में हूँ
मैं नसीब हूँ किसी और का, मुझे माँगता कोई और है
मैं नसीब हूँ किसी और का, मुझे माँगता कोई और है
सरे-आईना मेरा अक्स है, पसे-आईना कोई और है
मैं ख्यालहूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
तुझे दुश्मनों की खबर न थी, मुझे दोस्तों का पता नहीं
तुझे दुश्मनों की खबर न थी, मुझे दोस्तों का पता नहीं
तेरी दास्तां कोई और थी, मेरा वाक्या कोई और है
तेरी दास्तां कोई और थी, मेरा वाक्या कोई और है
सरे-आईना मेरा अक्स है, पसे-आईना कोई और है
मैं ख्यालहूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
कभी लौट आएँ तो पूछना, नहीं देखना उन्हें गौर से
कभी लौट आएँ तो पूछना, नहीं देखना उन्हें गौर से
जिन्हें रास्ते में खबर हुईं कि ये रास्ता कोई और है
जिन्हें रास्ते में खबर हुईं कि ये रास्ता कोई और है
सरे-आईना मेरा अक्स है, पसे-आईना कोई और है
मैं ख्यालहूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
जो मेरी रियाज़त-ए-नीम-शब को सलीम सुबह न मिल सकी
जो मेरी रियाज़त-ए-नीम-शब को सलीम सुबह न मिल सकी
तो फिर इसके मानी तो ये हुए कि यहाँ खुदा कोई और है
तो फिर इसके मानी तो ये हुए कि यहाँ खुदा कोई और है
सरे-आईना मेरा अक्स है, पसे-आईना कोई और है
मैं ख्यालहूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
मैं ख्याल हूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
सरे-आईना मेरा अक्स है, पसे-आईना कोई और है
मैं ख्यालहूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
मैं किसी के दस्ते-तलब में हूँ तो किसी के हर्फ़े-दुआ में हूँ
मैं किसी के दस्ते-तलब में हूँ तो किसी के हर्फ़े-दुआ में हूँ
मैं नसीब हूँ किसी और का, मुझे माँगता कोई और है
मैं नसीब हूँ किसी और का, मुझे माँगता कोई और है
सरे-आईना मेरा अक्स है, पसे-आईना कोई और है
मैं ख्यालहूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
तुझे दुश्मनों की खबर न थी, मुझे दोस्तों का पता नहीं
तुझे दुश्मनों की खबर न थी, मुझे दोस्तों का पता नहीं
तेरी दास्तां कोई और थी, मेरा वाक्या कोई और है
तेरी दास्तां कोई और थी, मेरा वाक्या कोई और है
सरे-आईना मेरा अक्स है, पसे-आईना कोई और है
मैं ख्यालहूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
कभी लौट आएँ तो पूछना, नहीं देखना उन्हें गौर से
कभी लौट आएँ तो पूछना, नहीं देखना उन्हें गौर से
जिन्हें रास्ते में खबर हुईं कि ये रास्ता कोई और है
जिन्हें रास्ते में खबर हुईं कि ये रास्ता कोई और है
सरे-आईना मेरा अक्स है, पसे-आईना कोई और है
मैं ख्यालहूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
जो मेरी रियाज़त-ए-नीम-शब को सलीम सुबह न मिल सकी
जो मेरी रियाज़त-ए-नीम-शब को सलीम सुबह न मिल सकी
तो फिर इसके मानी तो ये हुए कि यहाँ खुदा कोई और है
तो फिर इसके मानी तो ये हुए कि यहाँ खुदा कोई और है
सरे-आईना मेरा अक्स है, पसे-आईना कोई और है
मैं ख्यालहूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है
Writer(s): Farrukh Ali Khan, Nusrat Fateh Ali Khan Lyrics powered by www.musixmatch.com