Songtexte.com Drucklogo

Afreen Afreen Songtext
von Nusrat Fateh Ali Khan & Javed Akhtar

Afreen Afreen Songtext

उसने जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं
आफरीं-आफरीं... आफरीं-आफरीं...
तू भी देखे अगर, तो कहे हमनशीं
आफरीं-आफरीं... आफरीं-आफरीं...
उसने जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं
उसने जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं


ऐसा देखा नहीं खूबसुरत कोई
जिस्म जैसे अजंता की मूरत कोई
जिस्म जैसे निगाहों पह जादू कोई
जिस्म नगमा कोई
जिस्म खुशबू कोई
जिस्म जैसे महकती हुई चाँदनी
जिस्म जैसे मचलती हुई रागिनी
जिस्म जैसे किः खिलता हुआ इक चमन
जिस्म जैसे की सूरज की पहली किरण
जिस्म तरशा हुआ दिलकश ओ दिलनशीं
संदाली संदाली
मरमरी मरमरी
संदाली संदाली
मरमरी मरमरी
हुस्न ई जानां की तारीफ़ मुमकिन नहीं
आफ़रीं आफ़रीं
आफ़रीं आफ़रीं
तू भी देखे अगर तो कहे हमनशीं
आफ़रीं आफ़रीं
आफ़रीं आफ़रीं
हुस्न ई जानां की तारीफ़ मुमकिन नहीं
हुस्न ई जानां की तारीफ़ मुमकिन नहीं

आँखें देखी तो मैं देखता रह गया
जाम दो और दोनों ही दो आतशां
आँखें या मैकदे की ये दो बाब हैं
आँखें इनको कहूँ, या कहूँ ख्वाब हैं
आँखें नीचे हुईं तो हया बन गयीं
आँखें ऊँची हुईं तो दुआ बन गयीं
आँखें उठाकर झुकीं तो अदा बन गयीं
आँखें झुकाकर उठीं तो कदा बन गयीं
आँखें जिनमें है क़ैद आसमां और ज़मीं
नरगिसी-नरगिसी, सुरमई-सुरमई
नरगिसी-नरगिसी, सुरमई-सुरमई

Songtext kommentieren

Log dich ein um einen Eintrag zu schreiben.
Schreibe den ersten Kommentar!

Fans

»Afreen Afreen« gefällt bisher niemandem.