Ishq Ka Haafiz Songtext
von Nilotpal Bora
Ishq Ka Haafiz Songtext
नाम मेरे इश्क़ का दुनिया ने रख दिया
पाक है या है नहीं, फैसला भी कर लिया
नाम मेरे इश्क़ का दुनिया ने रख दिया
पाक है या है नहीं, फैसला भी कर लिया
तोहमत खा के मैं झुका के सर हारा
ज़ुल्म है क्या ये तू बतादे ऐ खुदा-रा
फिरु मैं कहां कहां, लब पे रख पिया-पिया
मौला मेरे इश्क़ का हाफ़िज़ है तू
तौबा फ़िर हर दम मैं करुं भला क्यूं?
मौला मेरे इश्क़ का हाफ़िज़ है तू
दुनिया से फिर मैं यूं डरूँ भला क्यूं?
मौला
मौला
रात के साये हो गहरे अगर
राह दिखाने को जुगनू भी हो
खोया हुआ जो हो मेरा सफर
मोड़ पे ठहरा हुआ तू भी हो
खाली ना जाये ये दुआ मेरी
खाली ना जाये ये दुआ
मौला तेरे किनारे हैं, तेरे सफीने हैं
तेरे ही दरिया में डूबा मैं
आखिरी है इल्तेजा
यूं ना आज़मा मुझे
रूह को सुकून दे या
खाख में मिला मुझे
आखिरी है इल्तेजा
यूं ना आज़मा मुझे
रूह को सुकून दे या
खाख में मिला मुझे
तोहमत खा के मैं झुका के सर हारा
ज़ुल्म है क्या ये तू बतादे ऐ खुदा-रा
फिरु मैं कहां कहां, लब पे रख पिया-पिया
मौला मेरे इश्क़ का हाफ़िज़ है तू
तौबा फ़िर हर दम मैं करुं भला क्यूं?
मौला मेरे इश्क़ का हाफ़िज़ है तू
दुनिया से फिर मैं यूं डरूँ भला क्यूं?
मौला मेरे इश्क़ का हाफ़िज़ है तू
तौबा फ़िर हर दम मैं करुं भला क्यूं?
मौला मेरे इश्क़ का हाफ़िज़ है तू
दुनिया से फिर मैं यूं डरूँ भला क्यूं?
पाक है या है नहीं, फैसला भी कर लिया
नाम मेरे इश्क़ का दुनिया ने रख दिया
पाक है या है नहीं, फैसला भी कर लिया
तोहमत खा के मैं झुका के सर हारा
ज़ुल्म है क्या ये तू बतादे ऐ खुदा-रा
फिरु मैं कहां कहां, लब पे रख पिया-पिया
मौला मेरे इश्क़ का हाफ़िज़ है तू
तौबा फ़िर हर दम मैं करुं भला क्यूं?
मौला मेरे इश्क़ का हाफ़िज़ है तू
दुनिया से फिर मैं यूं डरूँ भला क्यूं?
मौला
मौला
रात के साये हो गहरे अगर
राह दिखाने को जुगनू भी हो
खोया हुआ जो हो मेरा सफर
मोड़ पे ठहरा हुआ तू भी हो
खाली ना जाये ये दुआ मेरी
खाली ना जाये ये दुआ
मौला तेरे किनारे हैं, तेरे सफीने हैं
तेरे ही दरिया में डूबा मैं
आखिरी है इल्तेजा
यूं ना आज़मा मुझे
रूह को सुकून दे या
खाख में मिला मुझे
आखिरी है इल्तेजा
यूं ना आज़मा मुझे
रूह को सुकून दे या
खाख में मिला मुझे
तोहमत खा के मैं झुका के सर हारा
ज़ुल्म है क्या ये तू बतादे ऐ खुदा-रा
फिरु मैं कहां कहां, लब पे रख पिया-पिया
मौला मेरे इश्क़ का हाफ़िज़ है तू
तौबा फ़िर हर दम मैं करुं भला क्यूं?
मौला मेरे इश्क़ का हाफ़िज़ है तू
दुनिया से फिर मैं यूं डरूँ भला क्यूं?
मौला मेरे इश्क़ का हाफ़िज़ है तू
तौबा फ़िर हर दम मैं करुं भला क्यूं?
मौला मेरे इश्क़ का हाफ़िज़ है तू
दुनिया से फिर मैं यूं डरूँ भला क्यूं?
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