Bas Main Aur Tu Songtext
von Nikhil D’Souza
Bas Main Aur Tu Songtext
दिया धक्का रात को और हो गई सुबह
नखरीली ओस को भी है लिया मना
दिया धक्का रात को और हो गई सुबह
नखरीली ओस को भी है लिया मना
झूठी जो बात थी, कर ली है फिर शुरू
रस्ते भी हँस रहे जो हैं चले
बस मैं और तू, hmm-hmm
बस मैं और तू, hmm-hmm
बस मैं और तू
सोच ना जो कल हुआ
सोच ना क्या होगा कल
बहने दे बेफ़िकर
बेपरवाह ये सारे पल
चाय में बिस्कुट डूबा, बारिश से बूँदें चुरा
औरों की ना सोच तू, आजा चलें
यूँ मैं और तू, hmm-hmm
यूँ मैं और तू, hmm-hmm
यूँ मैं और तू
बाँध कन्नी चाँद में, चल अपनी पतंग उड़ाए
आसमाँ से फेंक लंगर तारे कुछ गिराएँ
बाँध कन्नी चाँद में, चल अपनी पतंग उड़ाए
आसमाँ से फेंक लंगर तारे कुछ गिराएँ
कर बादल मुठ्ठी में, डर लाँघे चुटकी में
चलें, आज चल इस तरह कि ना थे रुके कभी
फिर मैं और तू, hmm-hmm
फिर मैं और तू, hmm-hmm
फिर मैं और तू
कुछ भी ना माँगूँ मैं
किसी की ना मानूँ मैं
ख़ुश है तू, संग है तू
बस इतना जानूँ मैं
जो देगी हाथ तू, दूँगा मैं साथ यूँ
मैं तेरे साथ हूँ, चल, चल पड़ें
अब मैं और तू, hmm-hmm-hmm
अब मैं और तू, hmm-hmm-hmm
अब मैं और तू
अब मैं और तू
नखरीली ओस को भी है लिया मना
दिया धक्का रात को और हो गई सुबह
नखरीली ओस को भी है लिया मना
झूठी जो बात थी, कर ली है फिर शुरू
रस्ते भी हँस रहे जो हैं चले
बस मैं और तू, hmm-hmm
बस मैं और तू, hmm-hmm
बस मैं और तू
सोच ना जो कल हुआ
सोच ना क्या होगा कल
बहने दे बेफ़िकर
बेपरवाह ये सारे पल
चाय में बिस्कुट डूबा, बारिश से बूँदें चुरा
औरों की ना सोच तू, आजा चलें
यूँ मैं और तू, hmm-hmm
यूँ मैं और तू, hmm-hmm
यूँ मैं और तू
बाँध कन्नी चाँद में, चल अपनी पतंग उड़ाए
आसमाँ से फेंक लंगर तारे कुछ गिराएँ
बाँध कन्नी चाँद में, चल अपनी पतंग उड़ाए
आसमाँ से फेंक लंगर तारे कुछ गिराएँ
कर बादल मुठ्ठी में, डर लाँघे चुटकी में
चलें, आज चल इस तरह कि ना थे रुके कभी
फिर मैं और तू, hmm-hmm
फिर मैं और तू, hmm-hmm
फिर मैं और तू
कुछ भी ना माँगूँ मैं
किसी की ना मानूँ मैं
ख़ुश है तू, संग है तू
बस इतना जानूँ मैं
जो देगी हाथ तू, दूँगा मैं साथ यूँ
मैं तेरे साथ हूँ, चल, चल पड़ें
अब मैं और तू, hmm-hmm-hmm
अब मैं और तू, hmm-hmm-hmm
अब मैं और तू
अब मैं और तू
Writer(s): Luv Ranjan, Hitesh Sonik Lyrics powered by www.musixmatch.com