Kumar Sanu / Mere Mehboob Ki Yehi Pehchaan Songtext
von Nadeem-Shravan
Kumar Sanu / Mere Mehboob Ki Yehi Pehchaan Songtext
ख़ूबसूरत है वो दिल का मेहमान
ख़ूबसूरत है वो दिल का मेहमान
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
थोड़ी मासूम है, थोड़ी नादान है
थोड़ी मासूम है, थोड़ी नादान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
ख़ूबसूरत है वो दिल का मेहमान है
ख़ूबसूरत है वो दिल का मेहमान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
एक दिन वो मिली मुस्कुरा के गई
दर्द-ए-दिल मेरे दिल में जगा के गई
एक दिन वो मिली मुस्कुरा के गई
दर्द-ए-दिल मेरे दिल में जगा के गई
वो हसीं दिलरुबा दिल चुरा के गई
मेरी चाहत है वो मेरा अरमान है
मेरी चाहत है वो मेरा अरमान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
अजनबी दो दिलों की मुलाक़ात थी
बस घड़ी दो घड़ी वो मेरे साथ थी
अजनबी दो दिलों की मुलाक़ात थी
बस घड़ी दो घड़ी वो मेरे साथ थी
कह न पाया था मैं दिल में जो बात थी
जानती है मगर मुझ से अन्जान है
जानती है मगर मुझ से अन्जान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
गर कभी फिर मिली तो बताऊँगा मैं
हाल-ए-दिल उस हसीं को सुनाऊँगा मैं
गर कभी फिर मिली तो बताऊँगा मैं
हाल-ए-दिल उस हसीं को सुनाऊँगा मैं
उम्र भर न उसे भूल पाऊँगा मैं
वो मेरा चैन है वो मेरी जान है
वो मेरा चैन है वो मेरी जान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
ख़ूबसूरत है वो दिल का मेहमान है
ख़ूबसूरत है वो दिल का मेहमान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
ख़ूबसूरत है वो दिल का मेहमान
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
थोड़ी मासूम है, थोड़ी नादान है
थोड़ी मासूम है, थोड़ी नादान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
ख़ूबसूरत है वो दिल का मेहमान है
ख़ूबसूरत है वो दिल का मेहमान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
एक दिन वो मिली मुस्कुरा के गई
दर्द-ए-दिल मेरे दिल में जगा के गई
एक दिन वो मिली मुस्कुरा के गई
दर्द-ए-दिल मेरे दिल में जगा के गई
वो हसीं दिलरुबा दिल चुरा के गई
मेरी चाहत है वो मेरा अरमान है
मेरी चाहत है वो मेरा अरमान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
अजनबी दो दिलों की मुलाक़ात थी
बस घड़ी दो घड़ी वो मेरे साथ थी
अजनबी दो दिलों की मुलाक़ात थी
बस घड़ी दो घड़ी वो मेरे साथ थी
कह न पाया था मैं दिल में जो बात थी
जानती है मगर मुझ से अन्जान है
जानती है मगर मुझ से अन्जान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
गर कभी फिर मिली तो बताऊँगा मैं
हाल-ए-दिल उस हसीं को सुनाऊँगा मैं
गर कभी फिर मिली तो बताऊँगा मैं
हाल-ए-दिल उस हसीं को सुनाऊँगा मैं
उम्र भर न उसे भूल पाऊँगा मैं
वो मेरा चैन है वो मेरी जान है
वो मेरा चैन है वो मेरी जान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
ख़ूबसूरत है वो दिल का मेहमान है
ख़ूबसूरत है वो दिल का मेहमान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
मेरे महबूब की यही पहचान है
Writer(s): Sameer, Nadeem Saifi, Shravan Rathod Lyrics powered by www.musixmatch.com