Tumhein Dil Se Chaha Tha Songtext
von Mohammed Aziz
Tumhein Dil Se Chaha Tha Songtext
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
हमीं से ये बेरुख़ी क्यूँ? सभी दोस्त हैं तुमको प्यारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
हमीं से ये बेरुख़ी क्यूँ? सभी दोस्त हैं तुमको प्यारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
जो क़ाबिल ना थे दोस्ती के, रहे पास वो आप ही के
जो क़ाबिल ना थे दोस्ती के, रहे पास वो आप ही के
हमें बस अदावत से देखा, ना एक दिन मोहब्बत से देखा
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
हमीं से ये बेरुख़ी क्यूँ? सभी दोस्त हैं तुमको प्यारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
करो लाख इनके नज़ारे, किसी के ना होंगे सितारे
करो लाख इनके नज़ारे, किसी के ना होंगे सितारे
ये बस देखने में हैं प्यारे, छुओ तो ये शोले-शरारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
हमीं से ये बेरुख़ी क्यूँ? सभी दोस्त हैं तुमको प्यारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
हसीं जितनी जिसकी अदा है कि उतना ही वो बेवफ़ा है
हसीं जितनी जिसकी अदा है कि उतना ही वो बेवफ़ा है
कि पत्थर का इनका जिगर है, वफ़ा का ना इन पे असर है
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
हमीं से ये बेरुख़ी क्यूँ? सभी दोस्त हैं तुमको प्यारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
मगर तुम हुए ना हमारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
हमीं से ये बेरुख़ी क्यूँ? सभी दोस्त हैं तुमको प्यारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
हमीं से ये बेरुख़ी क्यूँ? सभी दोस्त हैं तुमको प्यारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
जो क़ाबिल ना थे दोस्ती के, रहे पास वो आप ही के
जो क़ाबिल ना थे दोस्ती के, रहे पास वो आप ही के
हमें बस अदावत से देखा, ना एक दिन मोहब्बत से देखा
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
हमीं से ये बेरुख़ी क्यूँ? सभी दोस्त हैं तुमको प्यारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
करो लाख इनके नज़ारे, किसी के ना होंगे सितारे
करो लाख इनके नज़ारे, किसी के ना होंगे सितारे
ये बस देखने में हैं प्यारे, छुओ तो ये शोले-शरारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
हमीं से ये बेरुख़ी क्यूँ? सभी दोस्त हैं तुमको प्यारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
हसीं जितनी जिसकी अदा है कि उतना ही वो बेवफ़ा है
हसीं जितनी जिसकी अदा है कि उतना ही वो बेवफ़ा है
कि पत्थर का इनका जिगर है, वफ़ा का ना इन पे असर है
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
हमीं से ये बेरुख़ी क्यूँ? सभी दोस्त हैं तुमको प्यारे
तुम्हें दिल से चाहा था हमने, मगर तुम हुए ना हमारे
मगर तुम हुए ना हमारे
Writer(s): Arun Paudwal, Indeevar Lyrics powered by www.musixmatch.com