Mujhko Peena Hain Songtext
von Mohammed Aziz
Mujhko Peena Hain Songtext
मुझको पीना है, पीने दो
मुझको जीना है, जीने दो
मुझको पीना है, पीने दो
मुझको जीना है, जीने दो
तुम अमीर हो, खुशनसीब हो
मैं ग़रीब हूँ, बदनसीब हूँ
पी-पी के ज़ख्म अपने सीने दो
मुझको पीना है, पीने दो
मुझको जीना है, जीने दो
अगर ज़रा थके हो तो सुनो
खुशी में आप थोड़ा ग़म भरो
लगाओ घूँट तुम भी प्यार से
मेरी तरह पियो और जियो
लगाओ घूँट तुम भी प्यार से
मेरी तरह पियो और जियो
टूटे जाम देख ना सके
दिल को टूटता क्या देखते?
तुम अमीर हो, खुशनसीब हो
मैं ग़रीब हूँ, बदनसीब हूँ
पी-पी के ज़ख्म अपने सीने दो
मुझको पीना है, पीने दो
मुझको जीना है, जीने दो
किसी की यार परवाह क्यूँ करूँ?
किसी से यार मैं क्यूँ डरूँ?
इस दुनिया ने मुझको क्या दिया?
मैं इसकी-उसकी फ़िक्र क्यूँ करूँ?
इस दुनिया ने मुझको क्या दिया?
मैं इसकी-उसकी फ़िक्र क्यूँ करूँ?
ये भला हुआ, मिली शराब
वरना कैसे दिन गुज़ारते?
तुम अमीर हो, खुशनसीब हो
मैं ग़रीब हूँ, बदनसीब हूँ
पी-पी के ज़ख्म अपने सीने दो
मुझको पीना है, पीने दो
मुझको जीना है, जीने दो
तुम पियो तो गंगाजल है ये
हम अगर पिएँ तो है शराब
पानी जैसा है हमारा ख़ून
और तुम्हारा ख़ून है गुलाब
पानी जैसा है हमारा ख़ून
और तुम्हारा ख़ून है गुलाब
सब ख़याल, सब फ़रेब है
अपनी सुबह, ना शाम है
तुम अमीर हो, खुशनसीब हो
मैं ग़रीब हूँ, बदनसीब हूँ
पी-पी के ज़ख्म अपने सीने दो
मुझको पीना है, पीने दो
मुझको जीना है, जीने दो
मुझको जीना है, जीने दो
मुझको पीना है, पीने दो
मुझको जीना है, जीने दो
तुम अमीर हो, खुशनसीब हो
मैं ग़रीब हूँ, बदनसीब हूँ
पी-पी के ज़ख्म अपने सीने दो
मुझको पीना है, पीने दो
मुझको जीना है, जीने दो
अगर ज़रा थके हो तो सुनो
खुशी में आप थोड़ा ग़म भरो
लगाओ घूँट तुम भी प्यार से
मेरी तरह पियो और जियो
लगाओ घूँट तुम भी प्यार से
मेरी तरह पियो और जियो
टूटे जाम देख ना सके
दिल को टूटता क्या देखते?
तुम अमीर हो, खुशनसीब हो
मैं ग़रीब हूँ, बदनसीब हूँ
पी-पी के ज़ख्म अपने सीने दो
मुझको पीना है, पीने दो
मुझको जीना है, जीने दो
किसी की यार परवाह क्यूँ करूँ?
किसी से यार मैं क्यूँ डरूँ?
इस दुनिया ने मुझको क्या दिया?
मैं इसकी-उसकी फ़िक्र क्यूँ करूँ?
इस दुनिया ने मुझको क्या दिया?
मैं इसकी-उसकी फ़िक्र क्यूँ करूँ?
ये भला हुआ, मिली शराब
वरना कैसे दिन गुज़ारते?
तुम अमीर हो, खुशनसीब हो
मैं ग़रीब हूँ, बदनसीब हूँ
पी-पी के ज़ख्म अपने सीने दो
मुझको पीना है, पीने दो
मुझको जीना है, जीने दो
तुम पियो तो गंगाजल है ये
हम अगर पिएँ तो है शराब
पानी जैसा है हमारा ख़ून
और तुम्हारा ख़ून है गुलाब
पानी जैसा है हमारा ख़ून
और तुम्हारा ख़ून है गुलाब
सब ख़याल, सब फ़रेब है
अपनी सुबह, ना शाम है
तुम अमीर हो, खुशनसीब हो
मैं ग़रीब हूँ, बदनसीब हूँ
पी-पी के ज़ख्म अपने सीने दो
मुझको पीना है, पीने दो
मुझको जीना है, जीने दो
Writer(s): Anu Malik, Zameer Kazmi, Deepak Chaudhary Lyrics powered by www.musixmatch.com