Chal Musafir Chal Songtext
von Mohammed Aziz
Chal Musafir Chal Songtext
चल मुसाफ़िर चल कहीं, कोई ठिकाना ढूँढ ले
अपने जीने, अपने मरने का बहाना ढूँढ ले
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
यादों के इस शहर से दूर
यादों के इस शहर से दूर
ग़म की सरहद के उस पार तेरी मंज़िल
चल मुसाफ़िर चल
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
आँख तेरी भर आई है, याद किसी की आई है
आँख तेरी भर आई है, याद किसी की आई है
छोटा बहुत ये जीवन है, लंबी बड़ी जुदाई है
साल बराबर एक-एक पल
चल मुसाफ़िर चल
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
यादों के इस शहर से दूर
ग़म की सरहद के उस पार तेरी मंज़िल
चल मुसाफ़िर चल
जब तक राख ना हो जाए ग़म की आग में जलता जा
जब तक राख ना हो जाए ग़म की आग में जलता जा
सर पर अपनी लाश उठा, चलता जा, बस चलता जा
इस दुनिया से दूर निकल
चल मुसाफ़िर चल
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
यादों के इस शहर से दूर
ग़म की सरहद के उस पार तेरी मंज़िल
चल मुसाफ़िर चल
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
अपने जीने, अपने मरने का बहाना ढूँढ ले
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
यादों के इस शहर से दूर
यादों के इस शहर से दूर
ग़म की सरहद के उस पार तेरी मंज़िल
चल मुसाफ़िर चल
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
आँख तेरी भर आई है, याद किसी की आई है
आँख तेरी भर आई है, याद किसी की आई है
छोटा बहुत ये जीवन है, लंबी बड़ी जुदाई है
साल बराबर एक-एक पल
चल मुसाफ़िर चल
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
यादों के इस शहर से दूर
ग़म की सरहद के उस पार तेरी मंज़िल
चल मुसाफ़िर चल
जब तक राख ना हो जाए ग़म की आग में जलता जा
जब तक राख ना हो जाए ग़म की आग में जलता जा
सर पर अपनी लाश उठा, चलता जा, बस चलता जा
इस दुनिया से दूर निकल
चल मुसाफ़िर चल
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
यादों के इस शहर से दूर
ग़म की सरहद के उस पार तेरी मंज़िल
चल मुसाफ़िर चल
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
चल मुसाफ़िर चल, चल मुसाफ़िर चल
Writer(s): Laxmikant Shantaram Kudalkar, Anand Bakshi, Pyarelal Ramprasad Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com