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Beqarari Ka Sawan Hai Songtext
von Mohammed Aziz

Beqarari Ka Sawan Hai Songtext

बेक़रारी का सावन है अब के बरस
बेक़रारी का सावन है अब के बरस
दिल में कैसी ये धड़कन है अब के बरस?

बेक़रारी का सावन है अब के बरस
दिल में कैसी ये धड़कन है अब के बरस?
बेक़रारी का सावन...

अब तो चारों तरफ़ तू ही तू है, सनम
रंग लाएगी एक दिन ये दीवानगी
लाख रोकेगा कोई ना रुक पाएगी
खेंच लाएगी तुझको मेरी आशिक़ी
मेरी आशिक़ी

ज़िंदगी मेरी रौशन है अब के बरस
ज़िंदगी मेरी रौशन है अब के बरस
दिल में कैसी ये धड़कन है अब के बरस?
बेक़रारी का सावन...


बात तुझ में है जो वो किसी में नहीं
मेरे संगीत की एक सरगम है तू
प्यार तुझसे किया हर जनम, ओ, सनम
प्यार तुझसे किया हर जनम, ओ, सनम

मेरे हर गीत में एक छम-छम है तू
छम-छम है तू

इश्क़ में ऐसी तड़पन है अब के बरस
इश्क़ में ऐसी तड़पन है अब के बरस
दिल में कैसी ये धड़कन है अब के बरस?
बेक़रारी का सावन...

गोरे हाथों में गाती हुई चूड़ियाँ
दिल तो क्या है, मेरा होश भी ले गईं
तारे घुँघरू बने तेरे इस पाँव में
मीठा-मीठा मुझे दर्द-ए-दिल दे गई
दर्द-ए-दिल दे गई

संग सपनों की दुल्हन है अब के बरस
संग सपनों की दुल्हन है अब के बरस
दिल में कैसी ये धड़कन है अब के बरस?

बेक़रारी का सावन है अब के बरस
दिल में कैसी ये धड़कन है अब के बरस?
बेक़रारी का सावन...

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