Aur Kya Zindani Hai Songtext
von Mohammed Aziz
Aur Kya Zindani Hai Songtext
हे-हे-हे-हे-हे-हे
आ-हा-हा
कल तलक जो सच था वो बन गया अफ़साना
तिनका-तिनका बिखरा लुटा वो आशियाना
पल में बन गए सरे अपने बेगाने
याद बहुत आते हैं गुजरे ज़माने
बस तबाही है
ग़म के साये हैं
सूनी आँखों में सिर्फ पानी है
और क्या ज़िंदगानी है
हो, और क्या ज़िंदगानी है
आ-हा-हा
कल तलक जो सच था वो बन गया अफ़साना
तिनका-तिनका बिखरा लुटा वो आशियाना
पल में बन गए सरे अपने बेगाने
याद बहुत आते हैं गुजरे ज़माने
बस तबाही है
ग़म के साये हैं
सूनी आँखों में सिर्फ पानी है
और क्या ज़िंदगानी है
हो, और क्या ज़िंदगानी है
Writer(s): Saifi Nadeem, Rathod Shravan, Pandy Sameer (t) Lyrics powered by www.musixmatch.com