Aruni Kirani Songtext
von Mahesh Kale
Aruni Kirani Songtext
अरुणि किरणी धरणी गगन चमके
भ्रमित भ्रमर करी गुंजन हल्के
अधीर मन मम जणूसरीत जलकरीत
स्वर झरझर झरझर झर
बरसत बरसत बरसे बरसे दिव्यगान स्वर्ग देस बरसे
तरसत तरसत तरसे तरसे मन तृषार्त तव कृपेस तरसे
मम अंतरात
मन मंदिरात
स्वर ताल साज आज घुमतो
मन धुंद आज
तव गुंजनात
गुरुराज आज तुजसी दास स्मरतो
फिरते धरती धुम त न न न न
अवती भवती धुंद तन मन
गगनी अवनी भरूनी कण कण स्वप्न एक आज आत रुजू दे
जग हे भिजले जलसरीत अजि ज़री
मन हे उरले का तृषार्त मम तरी
पडु दे क्षणिक तव कटाक्ष मज़वरी
स्वर कट्यार काळजात घुसु दे
अंधकार गुरूविण जगी भासे
कंठी स्वर उरलेत ज़रासे
किरण बनुनी क्षितिजी प्रगटावे
वरुण बनुनी हृदयी बरसावे
गुरुवर चरणि शरण मज द्यावे
मातम स्मरणि मरण मज़ यावे
पुन्हा जन्मण्यासाठी
द्यावा सूरसुधारस हो
सूर निरागस हो
सूर निरागस हो
सूर निरागस हो
सूर निरागस हो...
भ्रमित भ्रमर करी गुंजन हल्के
अधीर मन मम जणूसरीत जलकरीत
स्वर झरझर झरझर झर
बरसत बरसत बरसे बरसे दिव्यगान स्वर्ग देस बरसे
तरसत तरसत तरसे तरसे मन तृषार्त तव कृपेस तरसे
मम अंतरात
मन मंदिरात
स्वर ताल साज आज घुमतो
मन धुंद आज
तव गुंजनात
गुरुराज आज तुजसी दास स्मरतो
फिरते धरती धुम त न न न न
अवती भवती धुंद तन मन
गगनी अवनी भरूनी कण कण स्वप्न एक आज आत रुजू दे
जग हे भिजले जलसरीत अजि ज़री
मन हे उरले का तृषार्त मम तरी
पडु दे क्षणिक तव कटाक्ष मज़वरी
स्वर कट्यार काळजात घुसु दे
अंधकार गुरूविण जगी भासे
कंठी स्वर उरलेत ज़रासे
किरण बनुनी क्षितिजी प्रगटावे
वरुण बनुनी हृदयी बरसावे
गुरुवर चरणि शरण मज द्यावे
मातम स्मरणि मरण मज़ यावे
पुन्हा जन्मण्यासाठी
द्यावा सूरसुधारस हो
सूर निरागस हो
सूर निरागस हो
सूर निरागस हो
सूर निरागस हो...
Writer(s): Ehsaan Noorani, Loy Mendonsa, Sameer Samant, Shankar Mahadevan Lyrics powered by www.musixmatch.com