Doli Chadh Ke Dulhan Sasural Chali Songtext
von Mahendra Kapoor
Doli Chadh Ke Dulhan Sasural Chali Songtext
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
ओ, डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
कैसी हसरत से बाबुल की देखे गली
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
दिल ना माने मगर आज जाना भी हैं
अपने साजन से वादा निभाना भी हैं
दिल ना माने मगर आज जाना भी हैं
अपने साजन से वादा निभाना भी हैं
सामने एक नयी ज़िन्दगी है मगर
सामने इक नयी ज़िन्दगी है मगर
पीछे गुजरा हुआ इक ज़माना भी है
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
ओ, कैसी हसरत से बाबुल की देखे गली
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
डोलियाँ खुश नसीबों की सजती रहें
मेहंदिया सबके हाथों में रचती रहें
डोलियाँ खुश नसीबों की सजती रहें
मेहंदिया सबके हाथों में रचती रहें
फूल सेहरों के भी मुस्कुराते रहें
फूल सेहरों के भी मुस्कुराते रहें
चूड़ियां दुल्हनों की खनकती रहें
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
ओ, कैसी हसरत से बाबुल की देखे गली
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
कोई घूंघट हटा देगा जब रात को
भूल जायेगी मयके की हर बात को
कोई घूंघट हटा देगा जब रात को
भूल जायेगी मयके की हर बात को
अपने राजा की बाहों में सो जायेगी
अपने राजा की बाहों में सो जायेगी
लेके पलकों में खुशियों की बारात को
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
ओ, कैसी हसरत से बाबुल की देखे गली
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
ओ, डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
कैसी हसरत से बाबुल की देखे गली
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
दिल ना माने मगर आज जाना भी हैं
अपने साजन से वादा निभाना भी हैं
दिल ना माने मगर आज जाना भी हैं
अपने साजन से वादा निभाना भी हैं
सामने एक नयी ज़िन्दगी है मगर
सामने इक नयी ज़िन्दगी है मगर
पीछे गुजरा हुआ इक ज़माना भी है
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
ओ, कैसी हसरत से बाबुल की देखे गली
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
डोलियाँ खुश नसीबों की सजती रहें
मेहंदिया सबके हाथों में रचती रहें
डोलियाँ खुश नसीबों की सजती रहें
मेहंदिया सबके हाथों में रचती रहें
फूल सेहरों के भी मुस्कुराते रहें
फूल सेहरों के भी मुस्कुराते रहें
चूड़ियां दुल्हनों की खनकती रहें
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
ओ, कैसी हसरत से बाबुल की देखे गली
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
कोई घूंघट हटा देगा जब रात को
भूल जायेगी मयके की हर बात को
कोई घूंघट हटा देगा जब रात को
भूल जायेगी मयके की हर बात को
अपने राजा की बाहों में सो जायेगी
अपने राजा की बाहों में सो जायेगी
लेके पलकों में खुशियों की बारात को
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
ओ, कैसी हसरत से बाबुल की देखे गली
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली, डोली चढ़ के
Writer(s): Rajinder Krishan, Ravi Shankar Lyrics powered by www.musixmatch.com