Sun Baal Bramhachari Songtext
von Lata Mangeshkar & Mukesh
Sun Baal Bramhachari Songtext
ॐ नमः शिवाय (हाए)
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
तेरे मन में प्रीत का रंग भर दूँ
आज तपस्या भंग कर दूँ
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
तेरे मन में प्रीत का रंग भर दूँ
आज तपस्या भंग कर दूँ
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
आके खड़ी हूँ द्वारे तेरे
क्यूँ बैठा है आँखें फेरे?
आके खड़ी हूँ द्वारे तेरे
क्यूँ बैठा है आँखें फेरे?
इन आँखों की मदिरा पी ले
इन आँखों की मदिरा पी ले
छोड़ ये माला, हँस कर जी ले
अरी, सुन रूपवती
मैं हूँ संत जती-सती
किसी और पे डोरे डालो
मेरी माँ मुझे बचा लो
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
तेरे मन में प्रीत का रंग भर दूँ
आज तपस्या भंग कर दूँ
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
बन-ठन के मैं ऐसे निकली
जैसे सावन में चमके बिजली
बन-ठन के मैं ऐसे निकली
जैसे सावन में चमके बिजली
ऐसे मेरी भरपूर जवानी
ऐसे मेरी भरपूर जवानी
आग से जैसे लिपटा पानी
हे रामजी दुहाई
ये शरूपनखा आयी
अपने लक्ष्मन को सँभालो
मेरी माँ मुझे बचा लो
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
तेरे मन में प्रीत का रंग भर दूँ
आज तपस्या भंग कर दूँ
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
बना जवानी में तू जोगी
तेरी साधना पूरी ना होगी
बना जवानी में तू जोगी
तेरी साधना पूरी ना होगी, पूरी ना होगी
रूप में मेरे इतनी शक्ति
करने लगेगा मेरी भक्ति
आए निकट-निकट
है समयस्या विकट
कोई इसका टिकट कटा लो
मेरी माँ मुझे बचा लो
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
तेरे मन में प्रीत का रंग भर दूँ
आज तपस्या भंग कर दूँ
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
तेरे मन में प्रीत का रंग भर दूँ
आज तपस्या भंग कर दूँ
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
तेरे मन में प्रीत का रंग भर दूँ
आज तपस्या भंग कर दूँ
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
आके खड़ी हूँ द्वारे तेरे
क्यूँ बैठा है आँखें फेरे?
आके खड़ी हूँ द्वारे तेरे
क्यूँ बैठा है आँखें फेरे?
इन आँखों की मदिरा पी ले
इन आँखों की मदिरा पी ले
छोड़ ये माला, हँस कर जी ले
अरी, सुन रूपवती
मैं हूँ संत जती-सती
किसी और पे डोरे डालो
मेरी माँ मुझे बचा लो
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
तेरे मन में प्रीत का रंग भर दूँ
आज तपस्या भंग कर दूँ
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
बन-ठन के मैं ऐसे निकली
जैसे सावन में चमके बिजली
बन-ठन के मैं ऐसे निकली
जैसे सावन में चमके बिजली
ऐसे मेरी भरपूर जवानी
ऐसे मेरी भरपूर जवानी
आग से जैसे लिपटा पानी
हे रामजी दुहाई
ये शरूपनखा आयी
अपने लक्ष्मन को सँभालो
मेरी माँ मुझे बचा लो
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
तेरे मन में प्रीत का रंग भर दूँ
आज तपस्या भंग कर दूँ
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
बना जवानी में तू जोगी
तेरी साधना पूरी ना होगी
बना जवानी में तू जोगी
तेरी साधना पूरी ना होगी, पूरी ना होगी
रूप में मेरे इतनी शक्ति
करने लगेगा मेरी भक्ति
आए निकट-निकट
है समयस्या विकट
कोई इसका टिकट कटा लो
मेरी माँ मुझे बचा लो
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
तेरे मन में प्रीत का रंग भर दूँ
आज तपस्या भंग कर दूँ
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
सुन बाल ब्रह्मचारी, मैं हूँ कन्या कुँवारी
Writer(s): Jaikshan Shankar, Varma Malik Lyrics powered by www.musixmatch.com