Honi To Ho Ke Songtext
von Lata Mangeshkar & Mukesh
Honi To Ho Ke Songtext
होनी तो होके रहे...
होनी तो होके रहे, अनहोनी ना होए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
होनी तो होके रहे...
होनी तो होके रहे, अनहोनी ना होए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
कंस ने कितने जतन किए..., रे भैया
कंस ने कितने जतन किए लेकिन तुमने देखा
सौ तलवारें मिटा सकीं ना भाग्य की एक भी रेखा
(सौ तलवारें मिटा सकीं ना भाग्य की एक भी रेखा)
किशन का ऐसे जनम हुआ, अत्याचार यूँ ख़त्म हुआ
बंदी-घर के द्वार खुले और पहरेदार सोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
छूट गईं जिनसे अपने..., रे भैया
छूट गईं जिनसे अपने बचपन की सुंदर गलियाँ
बगिया के बदले बन में देखीं खिलती वो कलियाँ
(बगिया के बदले बन में देखीं खिलती वो कलियाँ)
खेल है जग सँजोगों का, सच कहना है लोगों का
रीत अटल ये जीवन की, कोई हँसे या रोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
(जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए)
हाथ समय का इस दुनिया में..., रे भैया
हाथ समय का इस दुनिया में कोई रोक ना पाया
धोखा देने वाले ने एक दिन ख़ुद धोखा खाया
(धोखा देने वाले ने एक दिन ख़ुद धोखा खाया)
आज मिले या चाहे कल, मिलता है कर्मों का फल
फूल वो कैसे पाएगा, जिसने हों काटे बोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
(जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए)
होनी तो होके रहे, अनहोनी ना होए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
होनी तो होके रहे, अनहोनी ना होए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
होनी तो होके रहे...
होनी तो होके रहे, अनहोनी ना होए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
कंस ने कितने जतन किए..., रे भैया
कंस ने कितने जतन किए लेकिन तुमने देखा
सौ तलवारें मिटा सकीं ना भाग्य की एक भी रेखा
(सौ तलवारें मिटा सकीं ना भाग्य की एक भी रेखा)
किशन का ऐसे जनम हुआ, अत्याचार यूँ ख़त्म हुआ
बंदी-घर के द्वार खुले और पहरेदार सोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
छूट गईं जिनसे अपने..., रे भैया
छूट गईं जिनसे अपने बचपन की सुंदर गलियाँ
बगिया के बदले बन में देखीं खिलती वो कलियाँ
(बगिया के बदले बन में देखीं खिलती वो कलियाँ)
खेल है जग सँजोगों का, सच कहना है लोगों का
रीत अटल ये जीवन की, कोई हँसे या रोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
(जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए)
हाथ समय का इस दुनिया में..., रे भैया
हाथ समय का इस दुनिया में कोई रोक ना पाया
धोखा देने वाले ने एक दिन ख़ुद धोखा खाया
(धोखा देने वाले ने एक दिन ख़ुद धोखा खाया)
आज मिले या चाहे कल, मिलता है कर्मों का फल
फूल वो कैसे पाएगा, जिसने हों काटे बोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
(जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए)
होनी तो होके रहे, अनहोनी ना होए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोए
Writer(s): Anand Bakshi, Laxmikant Pyarelal Lyrics powered by www.musixmatch.com

