Paon Chhoo Lene Do Phoolon Ko Songtext
von Lata Mangeshkar & Mohammed Rafi
Paon Chhoo Lene Do Phoolon Ko Songtext
पाँव छू लेने दो फूलों को, इनायत होगी
इनायत होगी
वर्ना हमको नहीं, इनको भी शिकायत होगी
शिकायत होगी
आप जो फूल बिछाएँ, उन्हें हम ठुकराएँ
आप जो फूल बिछाएँ, उन्हें हम ठुकराएँ
हमको डर है...
हमको डर है कि ये तौहीन-ए-मोहब्बत होगी
...मोहब्बत होगी
दिल की बेचैन उमंगों पे करम फ़रमाओ
दिल की बेचैन उमंगों पे करम फ़रमाओ
इतना रुक-रुक...
इतना रुक-रुक के चलोगी तो क़यामत होगी
क़यामत होगी
पाँव छू लेने दो फूलों को, इनायत होगी
इनायत होगी
शर्म रोके हैं इधर, शौक़ उधर खेंचे हैं
शर्म रोके हैं इधर, शौक़ उधर खेंचे हैं
क्या ख़बर थी...
क्या ख़बर थी, कभी इस दिल की ये हालत होगी
ये हालत होगी
शर्म ग़ैरों से हुआ करती है, अपनों से नहीं
शर्म ग़ैरों से हुआ करती है, अपनों से नहीं
शर्म हमसे...
शर्म हमसे भी करोगी तो मुसीबत होगी
मुसीबत होगी
पाँव छू लेने दो फूलों को, इनायत होगी
इनायत होगी
हमको डर है कि ये तौहीन-ए-मोहब्बत होगी
...मोहब्बत होगी
इनायत होगी
वर्ना हमको नहीं, इनको भी शिकायत होगी
शिकायत होगी
आप जो फूल बिछाएँ, उन्हें हम ठुकराएँ
आप जो फूल बिछाएँ, उन्हें हम ठुकराएँ
हमको डर है...
हमको डर है कि ये तौहीन-ए-मोहब्बत होगी
...मोहब्बत होगी
दिल की बेचैन उमंगों पे करम फ़रमाओ
दिल की बेचैन उमंगों पे करम फ़रमाओ
इतना रुक-रुक...
इतना रुक-रुक के चलोगी तो क़यामत होगी
क़यामत होगी
पाँव छू लेने दो फूलों को, इनायत होगी
इनायत होगी
शर्म रोके हैं इधर, शौक़ उधर खेंचे हैं
शर्म रोके हैं इधर, शौक़ उधर खेंचे हैं
क्या ख़बर थी...
क्या ख़बर थी, कभी इस दिल की ये हालत होगी
ये हालत होगी
शर्म ग़ैरों से हुआ करती है, अपनों से नहीं
शर्म ग़ैरों से हुआ करती है, अपनों से नहीं
शर्म हमसे...
शर्म हमसे भी करोगी तो मुसीबत होगी
मुसीबत होगी
पाँव छू लेने दो फूलों को, इनायत होगी
इनायत होगी
हमको डर है कि ये तौहीन-ए-मोहब्बत होगी
...मोहब्बत होगी
Writer(s): Roshan, Ludiavani Sahir Lyrics powered by www.musixmatch.com