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O Raat Ke Musafir Songtext
von Lata Mangeshkar & Mohammed Rafi

O Raat Ke Musafir Songtext

ओ, रात के मुसाफिर: चंदा, ज़रा बता दे
मेरा क़ुसूर क्या है, तू फ़ैसला सुना दे
ओ, रात के मुसाफिर: चंदा, ज़रा बता दे
मेरा क़ुसूर क्या है, तू फ़ैसला सुना दे

है भूल कोई दिल की, आँखों की या ख़ता है?
कुछ भी नहीं तो मुझ से फिर क्यूँ कोई ख़फ़ा है?
है भूल कोई दिल की, आँखों की या ख़ता है?
कुछ भी नहीं तो मुझ से फिर क्यूँ कोई ख़फ़ा है?
फिर क्यूँ कोई ख़फ़ा है?

मंज़ूर है वो मुझको जो कुछ भी तू सज़ा दे
मेरा क़ुसूर क्या है? तू फ़ैसला सुना दे
ओ, रात के मुसाफिर: चंदा, ज़रा बता दे
मेरा क़ुसूर क्या है, तू फ़ैसला सुना दे


दिल पे किसी को अपने क़ाबू नहीं रहा है
ये राज़ मेरे दिल से आँखों ने ही कहा है
दिल पे किसी को अपने क़ाबू नहीं रहा है
ये राज़ मेरे दिल से आँखों ने ही कहा है
आँखों ने ही कहा है

आँखों ने जो है देखा, दिल किस तरह भुला दे?
मेरा क़ुसूर क्या है? तू फ़ैसला सुना दे

ओ, चाँद आसमाँ के, दम-भर ज़मीं पे आ जा
भूला हुआ है राही, तू रास्ता दिखा जा
तू रास्ता दिखा जा

भटकी हुई है नैया, साहिल इसे दिखा दे
मेरा क़ुसूर क्या है? तू फ़ैसला सुना दे
ओ, रात के मुसाफिर: चंदा, ज़रा बता दे
मेरा क़ुसूर क्या है, तू फ़ैसला सुना दे

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